छात्रा के लिए आरक्षित पदक छात्र के नाम किया आवंटित

उत्तर प्रदेश लखनऊ

मनमोहन राय
सफल समाचार

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में दिए जाने वाले पदकों के संबंध में बड़ी लापरवाही सामने आई है। छात्रा के लिए आरक्षित पदक छात्र के नाम आवंटित कर दिया। इसी तरह केमिस्ट्री के एक पदक को सूची में शामिल ही नहीं किया गया।

दीक्षांत समारोह से ठीक पहले आनन-फानन सूची में बदलाव किया गया जिससे पदकों की संख्या बढ़कर अब 193 हो गई है।

लविवि का दीक्षांत समारोह बुधवार को होना है। इस दौरान दिए जाने वाले पदकों की प्रस्तावित सूची लविवि प्रशासन ने पिछले माह जारी कर 30 नवंबर को फाइनल सूची भी जारी कर दी थी। इस सूची में एक नहीं बल्कि दो बड़ी गड़बड़ियां हैं। लविवि में कई पदक सिर्फ छात्राओं को ही दिए जाते हैं। इतिहास विभाग में ऐसा ही एक पदक- श्रीमती काजल मुखर्जी मेमोरियल गोल्ड मेडल है। यह पदक हिस्ट्री एंड कल्चर ऑफ एशियन पीपुल कोर्स या फिर इतिहास विभाग में बीए तृतीय वर्ष में टॉप करने वाली छात्रा को दिया जाता है। लविवि प्रशासन ने अपनी फाइनल सूची में भी यह पदक पीयूष साहू नाम के छात्र को देने की घोषणा कर दी है। 

इसी तरह एमएससी केमिस्ट्री चौथे सेमेस्टर के न्यूक्लीयर एंड रेडियो केमिस्ट्री या बायो आर्गेनिक एंड सुप्रा मॉलेकुलर केमिस्ट्री के प्रश्नपत्र में सबसे ज्यादा नंबर लाने वाले विद्यार्थी को शीतला-विद्या मेमोरियल गोल्ड मेडल दिया जाता है। विवि प्रशासन ने इस साल पेपर बंद होने की बात कहते हुए पदक सूची में यह मेडल शामिल ही नहीं किया। जबकि इसकी पढ़ाई हो रही है। लविवि में सोमवार को दीक्षांत समारोह के पूर्वाभ्यास के दौरान इसका खुलासा हुआ। तब जाकर आनन-फानन पदक सूची में बदलाव कर नई सूची तैयार की गई। इसके साथ ही समारोह में दिए जाने वाले पदकों की संख्या अब 192 से बढ़कर 193 हो गई है।

सुधार दी गई गलती

मानवीय चूक से यह गलती हो गई है। समय रहते सूची में बदलाव करके नई सूची जारी कर दी गई है। वास्तविक और पात्र विद्यार्थी ही दीक्षांत समारोह में पदक पाएंगे। 

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