शेर मुहम्मद
सफल समाचार
शुरू से ही पढ़ाई में तेज रहे होनहार ने बजाया भारतीय प्रतिभा का डंकादेवरिया। मन में संकल्प हो तो दुनिया के किसी भी कोने में कामयाबी का झंडा बुलंद किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही मुकाम देवरिया के ग्राम विंदवलिया मिश्र, नोनापर के निवासी अवनीश मिश्रा ने।
उनका चयन अमेरिका की लॉस एलामोस नेशनल लैब में वैज्ञानिक के तौर पर चयन हुआ है। बेटे की सफलता पर गांव समेत परिवार में खुशी का माहौल है।
अवनीश मिश्र शुरू से पढ़ने में मेधावी रहे हैं। पिता विनय मिश्रा फार्मासिस्टमां आभा मिश्रा शिक्षक हैं। इनकी स्कूली शिक्षा बस्ती से हुई है। स्कूल की पढ़ाई खत्म होने के बाद किसान पीजी कॉलेज से विज्ञान में स्नातक किया। स्नातक के बाद अवनीश मिश्रा गोरखपुर चले गए। यहां गोरखपुर यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री ली। इसके बाद पीएचडी करने अवनीश मिश्रा बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस चले आ गए। उन्होंने अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट से पोस्ट-डॉक्टरल की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई खत्म करने के बाद इन्हें फेलोशिप मिल गई। फेलोशिप पर लॉस एलामोस नेशनल लैब में काम करना शुरू कर दिया। फेलोशिप के एक साल बाद अमेरिकी सरकार ने बतौर वैज्ञानिक लॉस एलामोस नेशनल लैब में नियुक्ति को मंजूरी दी। अवनीश ने बताया कि लॉस एलामोस नेशनल लैब परमाणु बम की जन्मस्थली है. हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराने वाला परमाणु बम लॉस एलामोस नेशनल लैब में बना था। मां आभा मिश्रा व बड़े भाई अविनाश मिश्र ने बताया कि अवनीश शुरू से पढ़ने में होशियार था। स्कूल से आने के बाद क्रिकेट खेलने चला जाता था। बेटे ने इस उपलब्धि से भारत का नाम ऊंचा किया है। उनकी सफलता पर रविंद्र मिश्रा, नमोनारायण मिश्रा, मनोज मिश्रा, प्रभुनाथ मिश्र, विद्यासागर मिश्र, ईश्वर दत्त मिश्र,दिलीप मिश्रा,धीरेंद्र मिश्र, गंगा सागर मिश्र अमित मिश्रा, धीरेंद्र मिश्र,आदित्य आदि ने प्रसन्नता जताई है