श्रीमद्भागवत की कथा सुनने से धुंधकारी का हुआ उद्धार – भागवत भागवान की महिमा व संकीर्तन के महत्व पर डाला प्रकाश

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

प्रवीण शाही
सफल समाचार

तमकुही विकास खंड के श्रीराम पट्टी में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व.राजाराम लाल श्रीवास्तव की पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में वृन्दावन धाम से पधारे कथावाचक अभिन्वानंद महराज ने कथा के महात्म्य पर प्रकाश डाला।

सात दिवसीय कथा के प्रथम दिन रविवार की सायं कथावाचक ने कलयुग में भागवत भागवान की महिमा व संकीर्तन के महत्व का उल्लेख करते हुए भागवत भक्त गोकर्ण व उसके भाई अधर्मी धुंधकारी के प्रसंग सुनाया। कहा कि धुंधकारी के गलत कार्यो में संलिप्त होने के कारण उसकी हत्या हो गई और अकाल मृत्यु होने के कारण वह प्रेत योनि में चला गया। भाई गोकर्ण ने प्रेत योनि से मुक्ति दिलाने के लिए सूर्य भगवान के बताए सूत्र पर श्रीमद भागवत कथा का आयोजन किया और भाई धुंधकारी को कथा सुनाई। कथा श्रवण से धुंधकारी को प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इससे स्पष्ट होता है कि कर्म, धर्म मनुष्य को संयमित और वेद रीति नीति से करना चाहिए। साथ ही भाई से रंजिश नहीं रखना चाहिए, क्योंकि आखिर में भाई ही भाई के काम आता है। पं वैभव दूबे,पं अरविंद तिवारी,राजन चौबे, अनमोल ने कथावाचक का सहयोग किया।इस दौरान छेदी राय, अरुण श्रीवास्तव, राजाराम राय,बिपिन बिहारीश्रीवास्तव, प्रभात श्रीवास्तव , सुभाष राय, नगीना राय,राम अवध ओझा, विरजा यादव, प्रमोद श्रीवास्तव,उदयभान श्रीवास्तव,देवेन्द्र पाण्डेय,जनार्दनराय, विरेंद्र राय,गया शर्मा,अवध किशोर शर्मा,दिनेश श्रीवास्तव, सुदर्शन शर्मा आदि मौजूद रहे।

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