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सोनभद्र के अगोरी और ब्रह्मोरी में नाव लगाकर सेंचुरी एरिया में धड़ल्ले से चल रहे अवैध खनन से वन एवं जल जीवन पर संकट गहराया
अवैध खनन और अवैध परिवहन से लगातार जारी है करोड़ों की राजस्व लूट जिला प्रशासन संलिप्त
सोनभद्र। जिले में स्थित जुगैल थाना क्षेत्र अंतर्गत अगोरी ग्राम सभा में अगोरी खंड एक दो व तीन के नाम से चल रहे खनन पट्टा धारक द्वारा करगरा वन में अगोरी क्षेत्र से बढ़कर करगरा सेंचुरी एरिया में बीच धार में नव लगाकर धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है। इसी प्रकार कोन थाना क्षेत्र अंतर्गत हररा ग्राम सभा के निकट ब्रह्मोरी के नाम से बालू के पट्टे में हररा से ब्रह्मोरी तक सेंचुरी एरिया में नदी की बीच धारा में नाव लगाकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है व लीज एरिया छोड़कर सेंचुरी एरिया में खनन किया जा रहा है।
कछुआ मछली समेत अन्य कई दुर्लभ वन एवं जल जीव का जीवन संकट में
सेंचुरी एरिया में तथा नदी के बीच धारा में खनन करने से तमाम वन जीव तथा जल में रहने वाले दुर्लभ जीव का जीवन इस तरह के अवैध खनन से संकट में आ गया है आश्चर्य की बात है कि जंगल विभाग द्वारा अब तक न हीं कोई रोक और ना ही कोई कार्रवाई की गई सूत्रों की माने तो स्थानीय वन कर्मियों के सहयोग से ही सेंचुरी एरिया में खनन किया जा रहा है। जिसके लिए एक मोटी रकम उच्च अधिकारियों के नाम पर वन कर्मियों द्वारा लिया जा रहा है मामला जो भी हो सेंचुरी एरिया में लगातार अवैध खनन से वन एवं जल में जल को स्वच्छ रखने वाले कितने ही कछुआ और मछली जैसे जीव नदी की धारा से बालू निकालने के कारण मृतक होते जा रहे हैं। ऐसे में जंगल विभाग पर आरोप लगना लाजमी है। खबर लगाने का उद्देश्य संबंधित विभाग अपने दायित्वों को समझ कर उनका निर्वहन करें अन्यथा सरकार से मिल रहे वेतन को चोरी का धन समझकर कब तक इस्तेमाल करेंगे।
नदी की धारा मोड़ कर व बीच धारा में खनन नियमावली के विपरीत धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
अगोरी व ब्रह्मोरी में कार्य करने वाली लगभग पांच कंपनियां है इन कंपनियों द्वारा अपने खनन स्थान पर खनन इंचार्ज भी नियुक्त किए गए हैं बावजूद इसके या तो खनन इंचार्ज की रजामंदी से अथवा बगैर जानकारी इन स्थानों पर नदी की धारा मोड़कर तथा बीच धारा में नाव लगाकर अथवा सीधे पोकलेन मशीनों को नदी में उतार कर किया जा रहा है अवैध खान जबकि खनन नियमावली के अनुसार बीच धारा अथवा नदी की धारा मोड़कर खनन नहीं किया जा सकता है।
बिना परमिट व ओवरलोड बालू का परिवहन करा कर करोड़ों की की जा रही है राजस्व चोरी
अगोरी व ब्रह्मोरी साइड पर धड़ल्ले से बिना परमिट व ओवरलोड बालू का परिवहन कराया जा रहा है जिससे राज्य सरकार को इन व्यवसाययों द्वारा करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इन साइडों की ई-टेंडरिंग कर राजस्व बढ़ाने की नीयत से जिससे क्षेत्र का विकास हो सके रेत खनन की अनुमति दी गई किंतु मामला यहां उल्टा है क्योंकि खनन कर्ताओं द्वारा खनिज विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा सहयोग प्राप्त कर धड़ल्ले से अवैध खनन बिना परमिट व ओवरलोड परिवहन किया जा रहा है जिससे राजस्व की भारी क्षति सरकार को मिल रही हैं जबकि उसकी तुलना में खनन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है जबकि इसके पहले खनिज विभाग द्वारा इन साइडों पर आरसी काटकर जुर्माना भी लगाया गया किंतु अब तक कोई सुधार नहीं हुआ है । समाचार लगाने का उद्देश्य अवैध खनन को तत्काल प्रभाव से रोक कर राजस्व चोरी एवं क्षेत्र विकास जैसे गंभीर मुद्दों पर ध्यान आकर्षित करना है तथा दोषियों को कठोर दंड देकर राजस्व छाती को बचाना अति आवश्यक है।
रात और दिन दोनों ही समयों पर जारी है धड़ल्ले से जारी है अवैध खनन
जानकारों की माने तो खनन नियमावली के अनुसार रात में खनन नहीं किया जाना चाहिए किंतु सरकार की आंख में धूल जोकर लगा तो रात अधिक पैसा कमाने की होड़ में रात और दिन खनन किया जा रहा है जिससे जल के अंदर रहने वाले वह बाहर रहने वाले वन जीव जीवो के जीवन पर हर समय संकट मंडराया रह रहा है बावजूद इसके अघोरी और ब्रह्मोरी दोनों स्थान पर धरने से जारी है अवैध खनन
आदिवासी मजदूरों की बेरोजगारी और शोषण के लिए पोकलेन मशीनों का बहुत आयत प्रयोग है जिम्मेदार
सोनभद्र एक आदिवासी क्षेत्र है जहां लाखों की संख्या में गरीब आदिवासी मजदूर रहते हैं आदिवासी एवं अत्यधिक पिछड़ा क्षेत्र होने के कारण यहां सीधे-साधे आदिवासियों को चालक एवं रसूखदार व्यक्तियों द्वारा लगातार शिकार बनाया जाता रहा है इसी क्रम में इन आदिवासियों के लिए एक बहुत बड़ा रोजगार के रूप में सोनभद्र का खनिज क्षेत्र है जहां खनन करने के लिए आदिवासी मजदूर की बहुत बड़ी संख्या का प्रयोग खनन क्षेत्र में होता था किंतु विगत कोरोना कल से सोनभद्र में अब आदिवासी क्षेत्र होते हुए भी जेसीबी मशीनों का प्रयोग किया जा रहा है जिसके कारण आदिवासी आज भी रोजगार के लिए मजबूर है और थोड़े से धन और व शराफत भरा चेहरा एवं उज्जवल भविष्य का सपना दिखाकर इनका शोषण किया जा रहा है अतः राज्य सरकार को इन सब चीजों से गुमराह कर खनन कर्ताओं द्वारा एवं खनिज विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा शासन की चुस्त दुरुस्त व्यवस्था प्रदर्शित कर योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को धोखा दिया जा रहा है समाचार लगाने का उद्देश्य कोरोना कल के बाद अब लोगों को रोजगार मिले ना की पोकलेन मशीनें जिससे गरीब मजदूर आज भी बेरोजगार बना बैठा है।