हड्डी तोड़ बुखार के इलाज में होम्योपैथी चिकित्सा बेहद कारगर है। वरिष्ठ होम्योपैथिक दवाएं, बोन-सेट करती है रामबाण का काम

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

हड्डी तोड़ बुखार संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काट लेता है तो यह वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। संक्रमण से अचानक बुखार और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है।

हड्डी तोड़ बुखार के इलाज में होम्योपैथी चिकित्सा बेहद कारगर है। वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. एसएम सिंह का कहना है कि हड्डी तोड़ बुखार से पीड़ित मरीज को शौचालय जाने में भी भारी दिक्कत होती है। पूरे शरीर के जोड़ों और हड्डियों में दर्द बना रहता है। ऐसे में होम्योपैथी चिकित्सा में इसके इलाज के लिए यूपेटोरियम परफोलियेटम औषधि बेहद कारगर है। इस औषधि का नाम बोन-सेट भी है। जिस बुखार में हड्डियां दर्द करने लगे, उस में यह औषधि रामबाण का काम करती है।

हड्डी तोड़ बुखार संक्रमित मच्छर के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर जब किसी व्यक्ति को काट लेता है तो यह वायरस उस व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाता है। संक्रमण से अचानक बुखार और जोड़ों में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और जोड़ों में सूजन के साथ ही शरीर पर चकत्ते भी हो सकते हैं। हड्डी तोड़ बुखार से बचाव के लिए यूपेटोरियम परफोलियेटम – 30 की सुबह, दोपहर, शाम प्रयोग करना चाहिए।

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