सोनभद्र बार एसोसिएशन चुनाव -प्रत्याशी कर रहे जीत के दावे, सस्पेंस बरकरार

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

सोनभद्र बार एसोसिएशन चुनाव -प्रत्याशी कर रहे जीत के दावे, सस्पेंस बरकरार

अध्यक्ष, महामंत्री पद पर सहानुभूति बनाम अन्य मुद्दों की है लड़ाई

वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर सीधा तथा कोषाध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला

कई तरह की चर्चाओं से असमंजस में हैं वकील मतदाता

मतदाताओं की चुप्पी से अप्रत्याशित परिणाम आने की है प्रबल संभावना

फोटो: संपर्क करते प्रत्याशी।

सोनभद्र। वर्ष 2023-2024 के निर्वाचन के लिए अबकी बार सोनभद्र बार एसोसिएशन सोनभद्र के चुनाव में बुधवार को प्रत्याशियों ने समर्थकों के साथ अपनी ताकत दिखाई है, और सभी प्रत्याशी अपने जीत के दावे कर रहे हैं , जिससे सस्पेंस बरकरार है। हालांकि अध्यक्ष और महामंत्री पद पर जहां सहानुभूति बनाम अन्य मुद्दों के बीच लड़ाई है, वहीं वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर सीधा तथा कोषाध्यक्ष पद पर त्रिकोणीय मुकाबला है। कई तरह की चर्चा सुनकर वकील मतदाता खुद असमंजस में हैं। मतदाताओं की चुप्पी से साफ जाहिर हो रहा है कि अबकी बार परिणाम अप्रत्याशित आएगा।बता दें कि अबकी बार अध्यक्ष पद पर सर्वाधिक छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जबकि महामंत्री पद पर तीन प्रत्याशी हैं। इन दो पदों पर सहानुभूति बनाम अन्य मुद्दे हैं। अध्यक्ष पद पर महिला अधिवक्ता पूनम सिंह हैं जो पूर्व में वरिष्ठ उपाध्यक्ष रही हैं जिनके साथ लोगों की सहानुभूति मिल सकती है, क्योंकि पिछले वर्ष के चुनाव में बहुत कम अंतराल से चुनाव हार गई थी। वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश देव पांडेय को भी पूर्व में एक बार हार का सामना करने के बाद फिर से आने पर सहानुभूति मिल सकती है। युवा अधिवक्ता अरुण कुमार मिश्र को महामंत्री और वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर पूर्व में किए गए कार्य के आधार पर एवं युवा अधिवक्ताओं का साथ मिलने पर सफलता मिल सकती है। पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश राय एडवोकेट को अपने कार्यकाल में कराए गए कार्य को लेकर सफलता मिल सकती है। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष रहे विनय कुमार सिंह और अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी को भी कम नहीं आका जा रहा है। इन्हें भी सफलता मिल सकती है। इसी प्रकार से महामंत्री पद पर युवा अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह गौतम को भी सहानुभूति मिल सकती है, क्योंकि पिछले वर्ष चुनाव में बहुत ही कम अंतर से हारे थे। युवा अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल को भी सहानुभूति मिल सकती है, क्योंकि पिछले वर्ष चुनाव हार गए थे। युवा अधिवक्ता अखिलेश कुमार पांडेय को भी सफलता मिल सकती है। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर शारदा प्रसाद मौर्य एडवोकेट और लालता प्रसाद पांडेय एडवोकेट के बीच सीधा मुकाबला है। कौन जीतेगा यह कहना मुश्किल है। इसी प्रकार से कोषाध्यक्ष पद पर युवा अधिवक्ता राजकुमार सिंह, युवा अधिवक्ता अनिल कुमार पांडेय तथा युवा अधिवक्ता उमेश चंद्र शुक्ला के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस पद पर भी कौन जीतेगा कहना मुश्किल है। फिलहाल सभी प्रत्याशी अपने जीत के दावे कर रहे हैं , लेकिन सच्चाई का पता मतदान के बाद 22 दिसंबर को होने वाली मतगणना के बाद ही चलेगा।

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