मनमोहन राय
सफल समाचार
स्विट्जरलैंड की तर्ज पर अयोध्या रोड के उत्तरधौना गांव में एक नई गोशाला बनाई जाएगी। प्रदेश सरकार की गो पर्यटन नीति के तहत 10 हेक्टेयर जमीन पर इसका विकास किया जाएगा। इसका नाम होगा मनोरथा गोशाला। इसपर 32.63 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह बजट राज्य सरकार देगी। यहां पर करीब दो हजार गायें रखी जा सकेंगी। बुधवार को हुई नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में इसका प्रस्ताव पास किया गया। वहीं नगर निगम की शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने समेत 13 प्रस्ताव पास हुए
महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस गोशाला में गायों को बांधकर नहीं रखा जाएगा। ज्यादा से ज्यादा खुला क्षेत्र रहेगा, जिसमें वे टहल-टहलकर चर सकेंगी। गोशाला में दुधारू गायें ही रखी जाएंगी। गोशाला में भारतीय संस्कृति की झलक दिखेगी। इसके लिए जो जमीन चिह्नित की गई है, वहां पर जो भी पेड़ पौधे हैं, उसी तरह रहेंगे। उनको काटा नहीं गया है। बीच में बोरिंग कर पानी की व्यवस्था की जाएगी। नांद बनाई जाएंगी, ताकि गाय आसानी से पानी पी सकें।
पूरी तरह से प्राकृतिक माहौल रहेगा, बांधी नहीं जाएंगी गायें
गायों को गोशाला में प्राकृतिक माहौल दिया जाएगा। पूरा मैदान कच्चा रहेगा। वहीं उनके चरने के लिए खेत होगा। इससे गायें जो गोबर करेंगी, उसको उठाने की भी जरूरत नहीं होगी। गोबर उसी मैदान में सूखकर खाद बन जाएगा।
गायों की देखभाल और इलाज की पूरी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए चिकित्सक व कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, जो निगरानी भी करेंगे। गाय संग्रहालय, गोदान स्थल, अन्नपूर्णा भोजनालय होगा खास।
गोशाला को इस तरह से विकसित किया जाएगा ताकि यह पर्यटन का भी केंद्र बने। इसके लिए गाय संग्रहालय बनाया जाएगा। गोदान स्थल भी होगा। कामधेनु की प्रतिमा भी होगी। अन्नपूर्णा भोजनालय, पाथवे, पार्किंग, लैंडस्केपिंग की व्यवस्था की जाएगी। कर्मचारी आवास, पशु चिकित्सालय और सीवरेज-ड्रेनेज का भी काम कराया जाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज पर 160 करोड़ होंगे खर्च
नगर निगम की शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इस पर 160 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। शूटिंग रेंज का नाम महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद के नाम पर किया गया है। अमौसी के हड़ाइन खेड़ा में नगर निगम ने करीब 12 साल पहले प्रदेश की पहली शूटिंग रेंज बनाई थी। पूरा बजट नहीं मिलने से काम पूरा नहीं हुआ। ऐसे में करीब 17 करोड़ खर्च के बाद भी शूटिंग रेंज इस्तेमाल नहीं हो सकी और धीरे-धीरे बदहाल हो गई। खेल विभाग को देने की बात आई, मगर उसने नहीं लिया।
शासन के निर्देश पर नगर निगम के अधिकारियों ने इस साल नगर निगम इंदौर और दिल्ली जाकर वहां की विश्वस्तरीय सुविधाओं वाली शूटिंग रेंज देखीं। इसके बाद शासन स्तर पर यह तय हुआ कि नगर निगम शूटिंग रेंज को विश्वस्तरीय बनाएगा। इस पर जो भी खर्च आएगा, वह शासन से मिलेगा। तय हुआ कि जिस तरह दूसरे प्रदेशों के नगर निगम शूटिंग रेंज चला रहे हैं, वैसी ही यहां भी व्यवस्था होगी। इसके बाद कंसल्टेंट का चयन किया गया।जिसने डीपीआर तैयार की। इस पर अब काम शुरू होगा। महापौर सुषमा खर्कवाल का कहना है कि शूटिंग रेंज बनने से जहां खिलाड़ियों को फायदा होगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन होने से होटल व्यवसाय भी बढ़ेगा।