विश्वजीत राय
सफल समाचार
खड्डा। चालक से गाड़ी रोकवाकर पनियहवा पुल पर टहलने की बात कहकर गंडक नदी में कूदे ठूठीबारी के व्यवसायी की तलाश में एसडीआरएफ की टीम व स्थानीय नाविक शुक्रवार को जुटे रहे। हालांकि, बीस घंटे बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है। परिजनों के मुताबिक वह मानसिक रोग से ग्रसित थे।
ठूठीबारी कस्बे के रहने वाले बड़े किराना व्यवसायी नागेश्वर रौनियार (55) बृहस्पतिवार को अपने चालक मोहम्मद इब्राहिम के साथ कार से महराजगंज गए थे। चालक ने बताया कि सेठजी ने वहां से मदनपुर देवी दर्शन करने की इच्छा जताई। शाम को खड्डा थाना क्षेत्र के सालिकपुर पुलिस चौकी के पास पहुंचे तो उन्होंने अचानक लौटने को कहा। जब पनियहवा पुल पर पहुंचे तो गाड़ी रोकवा दी और खैनी बनाने के लिए कहा। उसके बाद पुल पर टहलने लगे। इसी बीच एक ट्रेन गुजरी। उसके तुरंत बाद नदी में कुछ गिरने की आवाज आई। जब दौड़कर पहुंचा तो वह पानी में डूब रहे थे। बचाने की आवाज लगा रहे थे। चालक ने शोर मचाया तो तट पर मौजूद लोग व सालिकपुर पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी पहुंचे, लेकिन वह नहीं मिले। नाविकाें से भी उनकी खोजबीन कराई गई।
खड्डा थाने के प्रभारी निरीक्षक नीरज राय पुलिसफोर्स के साथ पहुंचे और तलाश कराई, लेकिन पता नहीं चल सका। शुक्रवार को एसडीआरएफ के एसआई अरविंद कुमार पांडेय के नेतृत्व में 13 सदस्यीय टीम ने मोटरबोट से तलाश शुरू की। इसके अतिरिक्त स्थानीय नाविकों की टीम भी लगाई गई है।
खड्डा थाने के प्रभारी निरीक्षक नीरज राय का कहना है कि ठूठीबारी के व्यवसायी के नदी में कूदने के बाद एसडीआरएफ व स्थानीय नाविक तलाश कर रहे हैं। बिहार पुलिस से भी तलाश करने के लिए संपर्क किया गया है।
मनोरोग से ग्रसित थे नागेश्वर
पनियहवा घाट पर मौजूद परिजनों ने बताया कि नागेश्वर रौनियार बहुत पहले से मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं। उनका इलाज गोरखपुर में चल रहा है। दो बार पहले भी जान देने की कोशिश की थी। उनके दो बेटे व दो बेटियां और पत्नी भी हैं। उनकी ससुराल बगहा में है। बिहार पुलिस से भी संपर्क किया गया है।