विश्वजीत राय
सफल समाचार
पडरौना। कप्तानगंज थाना क्षेत्र के गंगराई गांव के लाेग बुधवार को एसपी कार्यालय पहुंचे। आरोप लगाया कि 22 दिसंबर की रात में कप्तानगंज थाने की पुलिस जबरदस्ती घरों में घुसकर उन लोगों को मारा-पीटा। महिलाओं और किशोर को भी नहीं बख्शा। थाने से न्याय नहीं मिलने पर वे एसपी कार्यालय पहुंचे थे। दो हफ्ते पहले भी इसी तरह की घटना को लेकर कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एक गांव के लोगों ने एसपी कार्यालय का घेराव किया था।
बुधवार को गंगराई गांव के ढोढ़हवा टोला के ग्रामीण 20-25 की संख्या में एसपी कार्यालय पहुंचे। ग्रामीणों का आरोप है कि कप्तानगंज थाने की पुलिस ने बीते 22 दिसंबर की रात में उनके घरों में घुसकर मारा-पीटा। उन्होंने बताया कि डर के मारे जब ग्रामीणों ने अपने घर का दरवाजा बंद कर लिया तो पुलिस ने दरवाजा तोड़कर जो जहां मिला, उसे मारना शुरू कर दिया। इससे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सभी घायल हो गए। वहां अफरातफरी का माहौल बन गया था। एसपी कार्यालय आए ग्रामीणों ने बताया कि इस मामले में थाने पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए वे लोग एसपी कार्यालय आए हैं।
इसलिए हुआ विवादएसपी कार्यालय आए ग्रामीणों ने बताया कि भानमती देवी के नए मकान के छत ढालने का काम हो रहा था। उसमें उनकी पड़ोसी मंजू देवी बार-बार इसमें अड़ंगा डाल रही थीं। इस बात को लेकर दोनों परिवारों में मारपीट की नौबत आ गई। सूचना पर पहुंची कप्तानगंज थाने की पुलिस ने बिना किसी का पक्ष सुने उन्हें पीटना शुरू कर दिया।
इस मामले में थानाध्यक्ष राजकुमार बरवार ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है। रात साढ़े नौ बजे से लेकर एक बजे तक दोनों पक्ष मारपीट पर आमादा थे। पुलिस ने कुछ लोगों काे हिरासत में लेकर जेल भेजा है। इसी वजह से ग्रामीण ऐसा कर रहे हैं।
पुलिस अधीक्षक कार्यालय आए ग्रामीण बोले-
मेरे मकान का लिंटर हो रहा था, लेकिन मंजू देवी बार-बार रोड़े अटका रही थीं। मना करने पर पुलिस को बुला लिया। पुलिसवालों ने बिना जांचे-पूछे हम लाेगों को बहुत पीटा है। -भानमती देवी
रात में हम लोग सो रहे थे। आवाज सुनकर उठे तो पता चला कि गांव में पुलिस आई है। मेरे भी घर में पुलिसवाले घुस गए और मेरे सास-ससुर, भतीजा जो भी मिला, सबको बहुत पीटा। -सिरजावती देवी
मकान का लिंटर रोकने के लिए मंजू देवी ने फोन करके थाने से फोर्स बुलाया था। पुलिस ने गांव में आते ही सबको पीटना शुरू कर दिया। डर के मारे घर में छुपे तो घर का दरवाजा तोड़ दिया और बुरी तरह पीटा है। -सुभावती देवी
22 दिसंबर की रात में पुलिस गांव में आई और हम लोग कुछ समझ पाते, उसके पहले ही मारना पीटना शुरू कर दिया। जो भी मिला उसे बुरी तरह से पुलिस ने मारा। -संगीता देवी