आयुष्मान योजना की मदद से जैनब की बच गई जान* डीएम, सीएमओ सहित आयुष्मान भारत योजना के सहयोग से बना आयुष्मान कार्ड*

उत्तर प्रदेश देवरिया

शेर मोहम्मद

सफल समाचार देवरिया

आयुष्मान योजना की मदद से जैनब की बच गई जान* डीएम, सीएमओ सहित आयुष्मान भारत योजना के सहयोग से बना आयुष्मान कार्ड*

*राममनोहर लोहिया अस्पताल में हुआ (एसएमए सिंड्रोम) पेट की गंभीर बीमारी का इलाज*

_*देवरिया(सू0वि0) 12 जनवरी 2024।*_ प्रधानमंत्री आरोग्य योजना में विभिन्न रोगियों के उपचार के लिए भारत सरकार की ओर से 5 लाख रुपए तक के मुक्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई जाती है। आयुष्मान भारत योजना के दौरान मिलने वाली सुविधाओं में कैंसर, टीबी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट की बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, डायबिटीज, घुटने बदलने, आंख-कान-गले की बीमारियों का भी इलाज किया जाता है। आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत जिले में कुल 34 जिसमें 19 सरकारी व 15 निजी चिकित्सालय योजना से आबद्ध है। जनपद के अब तक 50 हजार लाभार्थियों ने इस योजना के अन्तर्गत देश भर के विभिन्न अस्पतालों में निशुल्क इलाज कराकर लाभ उठाया है।

जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह के पहल पर आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत गरीब परिवार की बिटिया जैनब खातून को बिना एक भी पैसा खर्च किए राममनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ में एस०एम०ए० सिंड्रोम नामक पेट की गंभीर बीमारी का इलाज किया गया। बीमारी से पीड़ित बच्ची की जानकारी होने पर जिलाधिकारी महोदय के हस्तक्षेप के बाद आयुष्मान भारत योजना के जिले की टीम के सहयोग से जैनब का आयुष्मान कार्ड बनवाकर पेट की सर्जरी कराकर इलाज कराया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा राजेश झा ने बताया है कि सलेमपुर तहसील के सलेमपुर क़स्बा निवासी हदीसुन खातून कसबे में ठेले पर सब्जी बेचकर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करती हैं। हदीसुन की 18 वर्षीय बेटी जैनब खातून के पेट में कभी कभी असहनीय दर्द रहता था। कई निजी डाक्टरों को दिखाया पर कुछ आराम नहीं हुआ। इससे युवती की जान पर बन आई थी। जैनब ने बताया कि इलाज के लिए भटकने के क्रम में बनारस बी०एच०यू० दिखाया गया तो जाँच के बाद वहां के चिकित्सकों ने एस०एम०ए० सिंड्रोम नामक पेट की गंभीर बीमारी के बारे में बताया और इलाज में करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्च बताया। इतना खर्च सुनकर पूरा परिवार सन्न रह गया। निराश होकर सभी घर लौट आये। एक दिन तहसील दिवस पर जैनब को उसकी माँ हदीसुन खातून लेकर गई। वहां उन्होंने जिलाधिकारी महोदय से अपनी बेटी की बीमारी के बारे में बताया और अपनी पीड़ा सुनाया। जिलाधिकारी ने हदीसुन से अंत्योदय कार्ड के बारे में पूछा तो पता चला की कार्ड तो है पर कार्ड में जैनब का नाम नहीं है। जिलाधिकारी ने तत्काल संबधित अधिकारी को राशन कार्ड सही करने के लिए निर्देशित किया एवं अंत्योदय कार्ड बन जाने के बाद सी०एम०ओ० को आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने को कहा। उसके बाद आयुष्मान भारत टीम द्वारा राज्य स्तर पर संपर्क कर जैनब का आयुष्मान कार्ड बनवाया गया। तत्पश्चात आयुष्मान कार्ड बनने के बाद हदीसुन जैनब को इलाज के लिए 27 दिसंबर 2023 को राममनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ लेकर गई। जहां आयुष्मान कार्ड की मदद से जैनब के इलाज के लिए सिटी स्कैन, ब्लड जाँच और एक्स-रे हुआ। 28 दिसंबर 2023 को जैनब के पेट की सर्जरी की गई। 02 जनवरी 2024 को जैनब को चिकित्सकों ने अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। जैनब अब पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्होंने जिलाधिकारी और सी०एम०ओ० सहित आयुष्मान भारत योजना की टीम का आभार व्यक्त किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *