कुशीनगर जिले में 162 कुष्ठ रोगी खा रहे एमडीटी, चल रहा उपचार

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय

सफल समाचार कुशीनगर

कुशीनगर जिले में 162 कुष्ठ रोगी खा रहे एमडीटी, चल रहा उपचार

कुशीनगर।आज कुष्ठ उन्मूलन दिवस है। समाज में कुष्ठ रोग के प्रति भ्रांतियों को मिटाने के लिए ‘भेदभाव का अंत करें, सम्मान को गले लगाए के थीम के साथ इस बार यह दिवस मनाया जा रहा है।

कुशीनगर जिले में साल 2023 के अप्रैल से लेकर दिसंबर तक 168 कुष्ठ रोगी मिले। इनमें से 162 कुष्ठ रोगी एमडीटी का सेवन कर रहे हैं। इन रोगियों का उपचार जारी है। इनके स्वास्थ्य आदि को लेकर स्वास्थ्य विभाग मॉनिटरिंग कर रहा है। कुष्ठ रोग से दिव्यांग हुए मरीजों को प्रतिमाह 3500 रुपये पेंशन के रूप में सरकार द्वारा दिया जा रहा है। जबकि नि:शुल्क रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी के बाद मरीजों को 12 हजार रुपये की सहायता राशि भी मिलती है। आज से 13 फरवरी तक कुशीनगर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत जिले के विभिन्न ग्राम सभाओं में डीएम का भाषण, ग्राम प्रमुख का संदेश पढ़ा जाएगा। साथ ही कुष्ठ रोग के विषय में प्रश्नोत्तर कार्यक्रम भी किए जाएंगे।

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. रामदास कुशवाहा ने बताया कि समाज में अभी भी कुछ लोगों को यह अंधविश्वास है कि वंशानुगत कारणों, अनैतिक आचरण, अशुद्ध रक्त, खानपान की गलत आदतें, जैसे सूखी मछली खाने, पूर्वपापकर्म आदि कारणों से कुष्ठ रोग होता है, जो कि पूर्णतया गलत तथ्य है। इन सभी भ्रांतियों को मिटाने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभियान चलाया जाता है। जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. विनोद कुमार मिश्र ने कुष्ठ रोग के लक्षणों के बारे में बताया कि कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों पर हल्के

अथवा तांबा के रंग के चकत्ते हो जाते हैं, जिसमें सुन्नपन होता है और उस स्थान पर सुई चुभने पर भी व्यक्ति को किसी तरह का कोई दर्द महसूस नहीं होता। इसके अलावा यदि हथेली अथवा पैर के तलवों में भी सुन्नपन हो रहा है तो कुष्ठ रोग की जांच अवश्य करानी चाहिए अन्यथा कुष्ठरोग का उचित समय पर उपचार न किया जाय तो इससे शरीर के प्रभावित अंगों में दिव्यांगता हो सकती है। कुष्ठ रोग का उपचार एमडीटी से संभव है। इस रोग से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि जल्द से जल्द इलाज कराकर ठीक होने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि नया कुष्ठ रोगी खोजने वाली आशा को प्रति रोगी 250 रुपये अथवा 200 रुपए (दिव्यांग रोगी ढूंढ़ने पर) पारिश्रमिक दिया जाता है। पैसिव बैसिलरी (पीबी) कुष्ठ रोगी को छह माह दवा खिलाने पर 400 रुपये तथा मल्टी वैसीलरी (एमवी) कुष्ठ रोगी को 12 माह दवा खिलाने पर 600 रुपये दिए जाते हैं। डॉ. विनोद ने बताया कि कुष्ठ दिव्यांग रोगियों को एमसीआर चप्पल, सेल्फ केयर किट, एमडीटी आदि दवाइयां, निःशुल्क रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कराने के बाद 12 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति, कुष्ठ दिव्यांग को 3500 रुपये मासिक पेंशन व रोगी अथवा उनके बच्चों को योग्यतानुसार ट्रेनिंग की निःशुल्क सुविधाएं दी जातीं हैं।

मौजूदा समय में कुष्ठ रोग की स्थिति :

वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल से दिसंबर 2023 तक कुल 168 कुष्ठ रोगी खोजे गए हैं। इसमें 97 कुष्ठ रोगी पीबी व 71 कुष्ठ रोग एमबी के मिले हैं। इन नए कुष्ठ रोगियों में 68 महिलाएं व 10 बच्चे शामिल हैं। जबकि नए कुष्ठ रोगियों में एक रोगी दिव्यांग पाया गया है। वहीं, दिसंबर में कुल 162 नए कुष्ठ रोगियों में एमडीटी दवा द्वारा उपचार किया जा रहा है तो 150 नए कुष्ठ रोगी उपचार पूर्ण कर चुके हैं।

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