रजिस्ट्रार समेत दो कर्मचारियों को पुलिस ने दिया क्लीन चि

उत्तर प्रदेश देवरिया

शेर मुहम्मद
सफल समाचार

देवरिया। जिले के चर्चित दीपक मणि अपहरण कांड में नया मोड़ आ गया है। कोर्ट में दाखिल हो चुके आरोप पत्र के संज्ञान लेने के बाद भी पुलिस ने कोर्ट से पत्रावली वापस लेकर दोबारा विवेचना में रजिस्ट्रार और दो बाबू का नाम निकाल दिया है। हालांकि शासन से इन आरोपियों पर मुकदमा चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति भी मिल चुका था।

शहर के देवरिया खास निवासी दीपक उर्फ पीयूष मणि का अपहरण पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव उर्फ बबलू कर करीब दस करोड़ की जमीन दीपक मणि से बैनामा करा लिया था। 17 अप्रैल को पुलिस ने दीपक मणि को रजला के एक मकान से बरामद किया था। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव, इसके भाई अमित यादव, मां मेवाती देवी, मधु देवी, धर्मेंद्र, ब्रह्मानंद, रमानंद, मंटू तिवारी उर्फ विनोद शंकर, मुन्ना चौहान पर केस दर्ज हुआ था। पुलिस की जांच में जमीन बैनामा कराने में रजिस्ट्रार फूलचंद यादव, बाबू सोमनाथ राव और रामशरण सिंह, प्राइवेट वर्कर शोएब चिस्ती और स्टॉप लेखक कौशल किशोर गुप्ता की संलिप्तता पाई गई थी। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। सभी आरोपियों की जमानत हाईकोर्ट से हुआ था। पुलिस ने विवेचना पूरा कर सभी के खिलाफ आरोप कोर्ट में दाखिल कर दिया था। इसका कोर्ट ने संज्ञान ले लिया था और शासन से अभियोजन की स्वीकृति भी मिल चुकी थी। तत्कालीन सीओ सिटी निष्ठा उपाध्याय को रजिस्ट्रार फूलचंद यादव, बाबू रामशरण सिंह, सोमनाथ ने कुछ साक्ष्य देना बाकी रह गया था। इसकी जांच कराई जाए। पुलिस ने कोर्ट में आवेदन देकर दाखिल पत्रावली वापस मंगा लिया। तत्कालीन सीओ सिटी के निर्देश पर तत्कालीन सदर कोतवाल टीजे सिंह ने रजिस्ट्रार फूलचंद यादव, रामशरण सिंह और सोमनाथ राव का नाम आरोप पत्र से निकाल दिया। आरोपियों को क्लीन चिट देने वाली पुलिस ने इन्हे छुट्टी पर होने की बात कही है।

– मेरे कार्यकाल का मामला नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो मामला गंभीर है। इसे उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। निर्देश के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।- श्रीयश त्रिपाठी सीओ सिटी

– तत्कालीन सीओ सिटी के निर्देश पर दोबारा विवेचना के लिए पत्रावलियां ली गई थी। साक्ष्य के आधार पर आरोपियों का नाम विवेचना से निकाला गया था। -टीजे सिंह
ये है मामला

दीपक मणि का वर्ष 2018 में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव ने अपहरण कर लिया था। रजला के पास एक मकान में उसे कई दिनों तक रखा गया था। दीपक मणि का कीमती जमीन पूर्व अध्यक्ष ने अपने भाई, अपने और अपनी मां के नाम से बैनामा करा लिया था। तत्कालीन एसपी रोहन पी कनय ने घटना में शामिल 14 पर केस दर्ज कराया था। इस मामले में फरार चल रहे पूर्व अध्यक्ष पर पुलिस ने 25 हजार रुपये का इनाम घोषत किया था। पुलिस की चार टीमें आरोपी पूर्व अध्यक्ष को नेपाल बाॅर्डर से गिरफ्तार किया था। अभी भी दीपक मणि और पूर्व अध्यक्ष रामप्रवेश यादव के बीच दबाव में कराए गए जमीन बैनामा वापसी का केस कोर्ट में चल रहा है।

दोबारा गैंगस्टर का चल रहा केस

रामप्रवेश यादव बबलू,भाई अमित यादव व गांव के रामचंद्र यादव के विरुद्ध कोतवाली प्रभारी दिनेश मिश्र ने गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज कराया। इन पर गैंग चलाने का आरोप है। जमीन पर कब्जा करने व केस वापस कराने की धमकी देने का भी आरोप है। सीओ सिटी श्रीयश त्रिपाठी ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।

नए गैंगस्टर के लिए यह दो नया मुकदमा
सदर कोतवाली में 29 मई 2023 को उमानगर के रहने वाले मृत्युंजय यादव ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामप्रवेश यादव, अमित यादव रामचंद्र यादव के विरुद्ध मारपीट, धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया, जिसमें इन पर जमीन दिलाने के नाम पर रुपया लेने, रुपया मांगने पर मारपीट करने व जनवरी 2023 में दर्ज केस को वापस कराने की धमकी देने का आरोप है। पुलिस इस केस को ही नए गैंगस्टर का आधार बनाई है।

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