कुशीनगर: हाईवे के थानों को नहीं लगती भनक…बाॅर्डर पर पकड़े जाते हैं तस्कर

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

प्रवीण शाही

सफल समाचार कुशीनगर

कुशीनगर: हाईवे के थानों को नहीं लगती भनक…बाॅर्डर पर पकड़े जाते हैं तस्कर

तमकुहीराज। बाॅर्डर इलाके से पशु तस्करों के खिलाफ कार्रवाई के बाद पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। इन क्षेत्रों से शराब, मादक पदार्थ और पशु तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। छह महीने के अंदर जो भी कार्रवाई हुई है, उसमें सर्वाधिक बार्डर क्षेत्रों की है।

लोगों में चर्चा है कि गोरखपुर और देवरिया जिले की सीमा में दाखिल होने के बाद तस्कर हाईवे के सात थाना क्षेत्रों की पुलिस की सक्रियता का पोल खोलते हुए बार्डर तक पहुंच जाते हैं। सूत्रों की मानें तो सटीक जुगाड़ की वजह से तस्कर बार्डर पार कर जाते हैं। तस्करी के खेल और बार्डर पार कराने में कुछ बड़े लोगों का हाथ होने की चर्चा है।

तरयासुजान थाना क्षेतत्रे बहादुरपुर पुलिस चौकी पर 30 बैलों से भरे कंटेनर सवार तीन पशु तस्करों से पुलिस की मुठभेड़ हो गई। इसमें पशु तस्करों के पैर में गोली भी लगी है , जबकि पशु तस्करों की गोली से बाल-बाल पुलिसकर्मियों के बचने का दावा पुलिस अफसर कर रहे हैं। इस मुठभेड़ के बाद स्थानीय लोगों में चर्चा रही कि आखिर अहिरौली बाजार, हाटा, कसया, तुर्कपट्टी, पटहेरवा, तमकुहीराज थाना को पार कर तस्कर सातवें थाना क्षेत्र तरयासुजान में कैसे दाखिल हो गए। इसके पहले भी जो भी ऐसी कर्रवाई हुई है। उसमें अधिकतर बार्डर क्षेत्र ही तस्करों पर कार्रवाई का स्थल रहा है। हाइवे के किनारे इन थानों पर तैनात पुलिसकर्मियों की सक्रियता पर अब सवाल उठने लगा है। इतना ही नहीं हाटा और कसया के बीच एनएच 28 पर हेतिमपुर टोल प्लाजा से कुछ दूरी तक हाइवे क्षेत्र देवरिया के महुआडीह थाना क्षेत्र में पड़ता है। हाईवे पर निगरानी के लिए हेतिमपुर पुलिस चौकी बनाया गया है। इसके बावजूद तस्कर देवरिया और कुशीनगर की पुलिस की आंखों में धूल झोंककर बिहार बार्डर तक पहुंच जा रहे हैं। पुलिस की

निष्क्रियता है या मिलीभगत यह जांच का विषय है। एसपी धवल जायसवाल ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस तस्करों को पकड़ी है। हाईवे से इतने वाहन गुजरते हैं कि एक-एक वाहन को रोक कर जांच करना संभव नहीं है। हाईवे क्षेत्र के थाने के पुलिसकर्मियों को सक्रियता के लिए निर्देश दिए गए हैं। पकड़े तो कुशीनगर में ही जाते हैं, आगरा से यहां तक आने में कई जिले पड़ते हैं। उस जिले को पुलिस को भी तस्करों को पकड़ना चाहिए।

इन मार्गों को अपना रहे तस्कर

– बार्डर क्षेत्र में टोल प्लाॅजा और खुदरा-नैनुपहरू मार्ग को तस्कर नए वैकल्पिक मार्ग के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त बनवरिया-डिबनी बंजरवा, लतवा-सरया, सलेमगढ़-मुकुंदपुर-तीनफेड़िया मार्ग भी इन तस्करों के मुफीद रास्ते बनते जा रहे हैं। तस्कर आसानी से इन रास्तों से बिहार प्रांत में प्रवेश कर जाते हैं।

केस नंबर एक

– पुलिस और पशु तस्करों में मुठभेड़, दो घायल

पिछले साल 17 मई की भोर में तरयासुजान थाना क्षेत्र के बहादुरपुर चौकी के पास पुलिस और पशु तस्करों के मुठभेड़ हो गई थी। पुलिस की आमने सामने की मुठभेड़ में दो पशु तस्कर घायल हो गए।

केस नंबर दो

तरयासुजान थाने के बहादुरपुर चौकी के पास बीते 24 दिसंबर शनिवार की शाम को पुलिस और पशु तस्करों में मुठभेड़ हो गई। इसमें एक पशु तस्कर घायल हो गया था और दो अन्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके कब्जे से 35 राशि गोवंश को भी मुक्त कराया था।

केस नंबर तीन-

कसया थाने की पुलिस ने 11 दिसंबर को हाईवे पर मुठभेड़ में चार पशु तस्कर गिरफ्तार किया था। थाना क्षेत्र की पुलिस ने एनएच-28 के सिरसिया मोड़ के पास मुठभेड़ में दो पशु तस्करों को गिरफ्तार किया था। इस मुठभेड़ में दोनों पशु तस्करों को पैर में गोली लगी थी और इनके कब्जे से 12 गोवंश को मुक्त कराया गया था।

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