पर्यटन विभाग द्वारा हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पार्क विकसित करने हेतु 1.99 करोड़ स्वीकृति

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह 

पर्यटन विभाग द्वारा हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पार्क विकसित करने हेतु 1.99 करोड़ स्वीकृति

हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पार्क घने जंगलों के बीच में है स्थित, पर्यटको को आकर्षित करने का बना केन्द्र-जिलाधिकारी

पर्यटन विभाग द्वारा स्वीकृत परियोजना से पार्क में दो मेन गेट, बंम्बू कैंटीन, पाथ वे, तीन बंम्बू गजीबो बत्तीस पत्थर बेंचे, दो वाच टावर बनाये जा रहे है

पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सी0सी0 टी0वी0 कैमरा भी किया गया है स्थापित  

सोनभद्र -जिलाधिकारी चन्द्र विजय सिंह ने अवगत कराया कि सोनभद्र जिले के रेनुकूट वन प्रभाग, तहसील-दुद्धी में स्थित हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यह हाॅटस्पाट घने जंगलों के बीच स्थित है, यहाँ की प्राकृतिक सुन्दरता अद्भुत है, जो देखते ही बनती है, यहाँ पर अंग्रेजों के समय से स्थापित किया हुआ गेस्ट हाउस भी स्थित है, वर्तमान में हाथीनाला बायोडाइवर्सिटी हाॅटस्पाट पार्क में पर्यटको को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए विकसित किया जा रहा है, जिसके लिए पर्यटन विभाग उ0प्र0 द्वारा 1.99 करोड़ की परियोजना की स्वीकृति दी गयी है, इस परियोजना के अन्तर्गत पार्क में दो मेन गेट, बंम्बू कैंटीन, पाथ वे, तीन बंम्बू गजीबो बत्तीस पत्थर बेंचे, दो वाच टावर, मिट्टी कटाव रोकने के लिए नाले के दोनों ओर रिटेनिंग वाल, पर्यटकों के लिए ठण्डा जल उपलब्ध कराने के लिए चार वाटर कूलर, पार्क में पानी की ब्यवस्था के लिए एक बोरिंग पाइप लाइन बिछाने आदि का कार्य, पार्क की सुरक्षा हेतु फेंसिंग कार्य, दो वाॅकवे-ब्रिज, इण्टर प्रिटेशन सेन्टर, बंम्बू रिसेप्सन सेन्टर नेचर टेªल, स्ट्रीट लाइट आदि कार्य कराया जा रहा है, जिसके अभी तक शासन द्वारा 1 करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है। जिससे 1- मेन गेट, 2-पाथ वे, 3- कैंटिन, 4-वाॅचटावर, 5-गजीबो, 6- आरो कूलर, 7- रिटेनिंग वाल, 8-वाटर सप्लाई, 9- चिल्डेªन पार्क, 10- स्टोन बेंच आदि कार्य कराये जा चुके हैं, बंम्बू कैंटिन पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है, यहाँ पर जंगल का नजारा देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के लिए बेहतर व्यवस्था की गयी है, इसके साथ ही पार्क में एडवेंचर गेम भी मौजूद है, जिसमें जीप लाइन, रोप वाक, स्टेप वाक आदि शामिल है, बच्चों के खेलने हेतु झूला, टायर वाल, सीसाँ, आदि मौजूद है, जिनका बच्चों द्वारा भरपूर लुप्त उठाया जाता है, यहाँ स्थानीय पौधे जैसे आसन, बबूल, बहेड़ा, बाँस, बेल, विजयसाल, चिलबिल, ढाक, सिद्ध, हल्दू, खैर, करचा, खाजा, चिरौजी, तेन्दू आदि बहुतायात में पायी जाती है, यह क्षेत्र वर्ड वाचन के लिए अनुकूल है, यहाँ मुख्यतः चकवा, तिंडारी, रेड जंगल फाउल, हाउस क्रो, इण्डियन रोलर, सैण्ड ग्रोउस आदि पाये जाते हैं वन्य जीवों में यहाँ लंगूर मंकी, लोमड़ी गीदड़, चीतल, सुअर, नील गाय, चमगादड़ आदि पाये जाते है, प्रकृति प्रेमियों के लिए चार हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल ट्रैकिंग के लिए मुफीद है, पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सी0सी0 टी0वी0 कैमरा भी स्थापित किये गये है।

 

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