विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
कुशीनगर स्टेडियम में होने वाले खेल समाज सेवी व पूँजीपति के भरोसे
रविन्द्र नगर धूस कुशीनगर स्टेडियम क्रीड़ा ग्राउंड पर हो रहे तीन दिवसीय कबड्डी प्रतियोगिता, इस ग्राउंड पर भिन्न-भिन्न जनपद से आए खिलाड़ी गबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेकर स्टेडियम का रौनक बढ़ाया |
क्रिड़ा अधिकारी के देख रेख में गबड्डी प्रतियोगिता के अलावा अनेको खेल होते रहते हैं, सूत्र बताते है कि खेल के एवज में सरकार के द्वारा लाखों रुपए आते हैं|
*वही विभागीय कर्मचारी ने क्या कहा* ?
क्रीड़ा विभाग के एक कर्मचारी ने बताया कि सरकार द्वारा मात्र सैकडे में रूपया आता है परन्तु खर्च हजारों में होते हैं |
*उक्त सवाल पर विभागीय एक कर्मचारी से पुछा गया की बाकी का खर्च कैसे मैनेज करते है*?
तो उक्त कर्मचारी ने जबाब देते हुए कहा की अपने वेतन से मैनेज करते है | जबाब में यह भी पुछा गया कि अपने वेतन से कितना लगाते हैं तो उन्होंने जबाब देते हुए कहा यही तीस से पैतिस हजार रुपये लगाते हैं |
*प्रश्न? क्या प्रचार प्रसार के लिए सरकार के तरफ से पैसे आते हैं तो जवाब मे था नहीं*?
उक्त कर्मचारी ने बताया कि प्रचार प्रसार के लिए सरकार के तरफ से पैसे नहीं आते, दुर्भाग्य है की कुशीनगर स्टेडियम में होने वाले खेल और खिलाड़ियों के लिए सरकार की तरफ से कोई फंड नही है | यहा तक स्टेडियम में खिलाड़ियों के खेल देखने के लिए एक भी दर्शक मौजूद नहीं होते है और दर्शकों के बीच में ही एक हिरा खिलाड़ी होता है, अन्य युवाओं में खेल के प्रति जागरूकता रखने वाले कैसे आगे बढ़ेंगे धन्य है सरकार और सरकार की सोच |
उन्होंने ने बताया कि प्रतियोगिता के समय समाज के सामाजिक व्यक्ति व पूँजीपति को अतिथि बनाकर उन्हें सम्मान देकर उनसे सहयोग लिया जाता है| *कर्मचारी ने कहा जबरदस्ती सहयोग नही स्वेच्छा से*
ऑखो देखी हाल गबड्डी प्रतियोगिता के समय विभागीय कर्मचारी ने जो खर्च बताया वह चौकाने वाला था, उन्होंने बताया कि दो लेन्थ टेन्ट लगा है उसका किराया दो हजार है,सोफा सेट का अलग से किराया है, गेस्ट को जो सम्मान दिया जाता है वह अपने पैसो से खरीदारी करके दिया जाता है व नास्ता गेस्ट को दिया जाता है वह भी अपने ही पाकेट से खर्च किए जाते हैं और सरकार के तरफ से मात्र पॉच सौ ही मिलते हैं |