दुष्कर्म के दोषी रामसकल को 7 वर्ष की कैद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

दुष्कर्म के दोषी रामसकल को 7 वर्ष की कैद

11 हजार रूपये अर्थदंड, न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी

जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी

अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े पांच हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी

साढ़े 7 वर्ष पूर्व जंगल में लकड़ी लेने गई महिला के साथ हुए दुष्कर्म का मामला

सोनभद्र। साढ़े सात वर्ष पूर्व जंगल लकड़ी लेने गई महिला के साथ हुए दुष्कर्म के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी,सीएडब्लू सोनभद्र परितोष श्रेष्ठ की अदालत ने मंगलवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी रामसकल को 7 वर्ष की कैद एवं 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े पांच हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला पीड़िता ने न्यायालय में धारा 156(3) सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। कोर्ट के आदेश पर चोपन थाने में 10 जुलाई 2016 को रामसकल पुत्र अर्जुन निवासी कोटा टोला थाना चोपन, जिला सोनभद्र समेत तीन लोगों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया गया था।पीड़िता ने दी तहरीर में अवगत कराया था कि वह अपने बेटे के साथ जंगल में लकड़ी लेने गई थी। शाम करीब 6 बजे रास्ते में रामसकल समेत तीन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। बेटा इस वाकए को देखकर डर गया और भागकर घर आया और अपने पिता को सारी बात बताया। जब उसके पिता मौके पर गए तो उन्हें भी बेरहमी से मारपीट कर घायल कर दिया। कहीं सूचना देने पर गाली देकर जान मारने की धमकी भी दिया। इसकी सूचना थाने और एसपी को भी दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने विवेचना किया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने कोर्ट में रामसकल के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी रामसकल को 7 वर्ष की कैद एवं 11 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी। वहीं अर्थदंड की धनराशि में से साढ़े पांच हजार रूपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की।

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