प्रवीण शाही
जनपद कुशीनगर के तहसील तमकुहीराज
आखिर आपूर्ति कार्यालय में कीस अधार पर तैनात है प्राइवेट कर्मचारी कौन देता है इनका वेतन किस अधिकार से करते कार्यालय में कार्य आज के इस युग में शायद ही कोई होगा है की बिना मजदूरी के कोई भी काम कर दे क्यौंकि इस महंगाई के समय में हर व्यक्ति अपने जिविकोपार्जन का साधन ढूंढ रहा है। ऐसे बिना वेतन के किसी कार्यालय में काम करना सम्भव नहीं है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति बिना वेतन के किसी कार्यालय में कार्यरत हैं तो यह चिताजनक है शोषण का एक जरिया सूत्रों के मुताबिक या प्रत्यक्षदर्शी का कहना है ऐसा ही नजारा भी तमकुही राज तहसील में स्थित आपूर्ति कार्यालय में देखने को मील रहा है, इस कार्यालय मे 4-5 प्राईवेट कर्मचारी तैनात किये गए हैं जो प्रत्येक दिन सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यालय के कार्यो का देख रेख करते हैं शासनादेश के अनुसार सरकार की ओर से केवल संविदा कार्मिक, किसी पद पर तैनात सरकारी कर्मचारी या मानदेय वेतन का प्रावधान है प्राईवेट कर्मचारीयों के लिए कोई बजट नहीं आता है, तो फिर किस आधार पर ये लोग कार्यालय में रहकर कार्यो को संपादित कर रहे हैं, इनका जिविकोपार्जन कैसे हो रहा है ऐसे में इनके वेतन का एक ही साधन दिख रहा है, या तो आपूर्ति निरीक्षक, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी, या आपूर्ति लिपिक अपने तनख्वाह से इनका वेतन दे रहे क्या या फिर कोटेदारों का शोषण किया जा रहा हो, या कार्यालय में कोई अवैध कार्यों हो रहा है । यदि ऐसा नहीं है तो फिर इनका वेतन कहां से आता है। किसके आदेश या संरक्षण यह प्राईवेट व्यक्तियों द्वारा यह कार्य कराया जाय है क्या जिम्मेदार संज्ञान लेंगे।