शुद्ध पेयजल का सवाल बनेगा चुनावी मुद्दा – आइपीएफ 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

 शुद्ध पेयजल का सवाल बनेगा चुनावी मुद्दा – आइपीएफ 

● आजादी के पच्चहतर सालों में सोनभद्र में प्रदूषित पानी पीने के लिए लोग मजबूर 

● एजेंडा लोकसभा चुनाव पर करमा ब्लॉक में हुआ संवाद 

सोनभद्र ।भीषण गर्मी में जनपद में पेयजल संकट गहरा गया है। बहुतायत हैंडपंप, कुंए एवं अन्य स्रोत सूख चुके हैं। दुर्गम क्षेत्रों में तो स्थिति तो बेहद ही नाजुक है। कहीं कहीं पर एक किमी दूर से पानी लाना पड़ रहा है। टैंकरों द्वारा की जा रही पेयजलापूर्ति अपर्याप्त साबित हुई है। शहरी क्षेत्र तक में लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। लोगों की चुआड, बांध, कच्चे कुओं, बरसाती नालों से प्रदूषित पानी पीना विवशता है। फ्लोराइड युक्त पानी पीने से म्योरपुर, चोपन और अन्य ब्लाकों में लोग विकलांग हो रहे है। उनके लिए हैण्डपम्पों में लगाए गए फिल्टर खराब पड़े हुए हैं। मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद गांव में लगाए गए आर. ओ. प्लांट ज्यादातर खराब पड़े हुए हैं। उनको ठीक करने की जिम्मेदारी ना तो जल निगम लेता है और ना ही ग्राम पंचायत। हालत इतनी बुरी है कि जनपद के कई विद्यालयों में सरकारी आदेश के बावजूद फिल्टर युक्त पानी नहीं दिया जा रहा, जिससे बच्चों के अंग खराब हो रहे हैं। इसलिए इस चुनाव में शुद्ध पेयजल का मुद्दा राजनीतिक मुद्दा बनेगा जिस पर जनता में सभी दलों को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (आइपीएफ) के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने यह बातें आज करमा ब्लॉक के केकराही, खैराही और हिंदवारी गांव में आयोजित जनसंपर्क व संवाद में कहीं। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी सोनभद्र के आम नागरिक शुद्ध पेयजल के अभाव में अपनी जिंदगी गंवाते हैं। सरकारें चाहे जिसकी भी रही हो इस सवाल को हल नहीं किया गया। रिहंद बांध के किनारे बसे हुए तमाम गावों में आए दिन ग्रामीण और बच्चे प्रदूषित पानी के पीने के कारण मरते हैं। पहाड़ी पठारी अंचल वाले इस क्षेत्र में हर घर नल योजना कितनी सफल होगी अभी कह पाना मुश्किल है लेकिन सरकार ने इसके नाम पर जो पेयजल के वैकल्पिक साधन थे उन पर बजट घटा दिया है। दरअसल इस क्षेत्र में पेयजल उपलब्धता के लिए सरकार को वाटरशेड कार्यक्रम के तहत बरसाती एक बूंद जल के संरक्षण की कार्य योजना बनानी चाहिए। जो बरसाती नाले हैं उनको बांधकर सीरीज चेक डैम बनाने चाहिए ताकि आसपास के गांव का जलस्तर उन्नत हो और कुएं और हैंडपंप जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर जोर बढाना चाहिए। संवाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, जिला प्रवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह, महावीर गोंड, चंद्र बली, सरोज गोंड, गोपीनाथ चेरो आदि लोग रहे।

 

 

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