अनुग्रह परासर
सफल समाचार देवरिया
देवरियाँ संसदीय सीट 2024 एक स्वतन्त्र आकलन :
सूर्य देवता अपने प्रचण्ड बेग मे है नौतपा तपा रहा है वही 1जून को मतदान होना है गर्मी की परवाह किए बिना राजनैतिक कार्यकर्ता गाँव गाँव जा रहे है। जातिय गोलबंदी की कोशिसे तेज हैं।
जनता से बात करने व दूर दराज से आ रही खबरों को बारीकी से पढ़ने पर वे ये इशारा कर रहीं है कि खेला हो गया है परिणाम आश्चर्य चकित करने वाले होंगे ! चुनाव का मुद्दा महंगाई बेराजगारी नौकरी व संविधान के इर्द गिर्द ही घूम रहा है हिंदू मुस्लिम कार्ड नही चल पा रहा है राममंदिर जरूर कुछ हद तक भाजपा को संजीवनी दे रहा पर क्या वह जीत के लिए काफी होगा ?
पिछड़ी जातियों के वोट अपने पुरानी पार्टी के तरफ शिफ्ट हो रहे है बसपा का आधार वोट भी संविधान व अम्बेडकर के नाम पर कांग्रेस या इण्डिया गठबंधन के तरफ जा रहे हैं ! सवर्ण जातियों मे भी बिखराव देखने को मिल रहा है !
भाजपा कैडर बेस पार्टी है और शासन (बुलडोजर ) व राशन व लाभार्थी समूह के चलने लड़ाई मे बनी हुई है पर कोई लहर जैसी स्थिती नही है । लड़ाई कड़ी है भाजपा के पक्ष मे दो बाते है धर्म भिरु जनता वं लाभार्थी और साथ में बड़ा कैडर जो लड़ाई मे बनाये हुए है जमीन पर इण्डिया एलायंस के पास जिस गाँव मे कैडर है वहाँ वह मजबूत स्थिती मे है पर जहाँ कैडर नही है वहाँ भाजपा की बढ़त दिख रही है परन्तु इण्डिया गंठबंधन उपर चढ़ रहा है और राजग ढलान की ओर है अब कौन कितना नीचे जायेगा और कौन कितना उपर इसके लिए 4 जून तक इंतजार करना होगा !
पिछड़ी जातियों के वोट निर्णायक होंगे इण्डिया गठबंधन अगर गैर यादव पिछड़ी जातियों का 30% वोट भी वोट बटोर ले गया तो बाजी उसके हाथ लगेगी ! सवर्ण मतदाता अभी भी भाजपा के साथ दिख रहे है पर वह भी पूरी तरह नही है उहापोह की स्थिती है ! जहाँ तक तमकुही राज विधान सभा की बात है यहाँ सवर्णो की दो जातियाँ ब्राह्मण व भूमिहार भाजपा के साथ है राजपूतों का एक बड़ा घड़ा अखिलेश प्रताप सिंह गठबंधन के साथ है ! डा० असीम कुमार मा० विधायक व विजय राय दो बड़े चेहरे भूमिहार मतो का विखराव रोकने मे उर्जा लगा रहे है परन्तु डा0 पीके राय के सपा ज्वाइन करने से विखराव असम्भावी है इसको पुरी तरह रोकना संभव नही !
कुशवाहा अवधिया कुर्मी सब मे बिखराव है भाजपा के नेता इसे रोकने में लगे है इन जातियों के बड़े चेहरो को उतारा गया है केशव मौर्या की सभा कराई गयी है जो कुरावाहा मतो को सहेजने की
कोशिस के तौर पर देखा जा रहा है। कारगर कितना होगा समय बतायेगा ! हॉलाकि भाजपा के पास इन सभी जातियों के नेता स्थानीय स्तर पर भी मौजूद है जिनका उपयोग वह कर भी रही है।
प्रचार में भाजपा के आगे कोई नही है टीवी चैनल हो या अखबार चाहे गूगल हर तरफ भाजपा की धूम है । वहाँ भाजपा का कोई मुकाबला नही है
पर सोशल विडिया में विपक्षी गठबंधन आगे खड़ा दिख रहा है ! दोनो ही तरफ से शीर्ष नेता बड़ी सभा कर चुके ! जनता का मत अपने अपने पाले मे करने की कवायद जारी है। महिलाओं ने पिछले चुनाव मे भाजमा को जिताया था अब भी महिलायें
महत्वपूर्ण है यहाँ भाजपा को ऐज है।
4 जून को भी सूर्य देव समय से निकलेंगे वही हवा वही पानी पर उस दिन नयी सरकार के गठन के
के उपर लगे हुए प्रश्न चिंह हल हो जायेंगे शाम होते होते यह तय हो जायेगा कि जनता के मुद्दो चले है
अथवा नही ! भावनायें प्रभावी है या मुद्दे ! हैट्रिक लगेगी या विदाई होगी इसके लिए मेरे साथ आपको भी करना होगा इंतजार !