मौत के साये में पढ़ने को मजबूर हैं बहिराबारी अनुसूचित विद्यायल के नौनिहाल 

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

विश्वजीत राय 

सफल समाचार कुशीनगर 

 

मौत के साये में पढ़ने को मजबूर हैं बहिराबारी अनुसूचित विद्यायल के नौनिहाल 

 

कुशीनगर।एक ओर भारी बरसात में प्रशासन जहां लोगों को जर्जर भवन के पास नहीं रुकने का सलाह देता है, वहीं तमकुही राज तहसील क्षेत्र के अनुसूचित प्राथमिक विद्यालय बहिरा बारी के बेहद जर्जर भवन में नौनिहालों की कक्षायें संचालित की जा रही हैं।

 

यहां तैनात अध्यापक 92 बच्चों को इसी भवन में बैठाकर पढ़ाते हैं। बरसात के दिनों में इसकी छतों से पानी टपकता है और मलबा गिरता रहता है। एक दिन पहले जब बच्चे इंटरवल में बाहर खेल रहे थे तभी जर्जर भवन के बरामदे की छत से टूटकर मलबा गिर गया। गनीमत रहा कि कोई बच्चा उस समय बरामदे में नहीं था। मलबा गिरने की सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ग्राम प्रधान और ग्राम सभा के लोगों ने इसको लेकर समाज कल्याण विभाग के प्रति रोष प्रकट किया। ग्राम प्रधान ने बताया कि इसको लेकर पिछले 3 वर्षो से कई जन प्रतिनिधियों से मिलकर व जिला प्रशासन को पत्र लिख कर अवगत करा चुके हैं मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। छत के मलबा गिरने से परिजन और बच्चों में भय व्याप्त है।

 

सेवरही ब्लॉक में समाज कल्याण विकास विभाग द्वारा बहिराबारी ग्राम सभा में अनुसूचित प्राथमिक विद्यालय का संचालन वर्ष 1988 में शुरू किया गया था। तत्कालीन विधायक पंडित राम सकल तिवारी ने क्षेत्र के गरीब बच्चों की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित प्राथमिक पाठशाला का निर्माण करवाया था। विद्यालय में बच्चों के पढ़ने के लिए दो शिक्षण

 

कक्ष, एक बरामदा और एक ऑफिस है। इस विद्यालय में वर्तमान समय में 1 से 5 तक के बच्चों की कक्षायें संचालित होती हैं और 2 अध्यापकों सहित कुल 92 विद्यार्थी इसमें प्रतिदिन भय के बीच शिक्षण कार्य करते हैं। इस विद्यालय का भवन पूरी तरह जर्जर हो चुका है। शिक्षण कार्य के लिये कोई अन्य भवन की व्यवस्था नहीं की गयी इस लिये मजबूरन वहां के अध्यापक इसी जर्जर भवन में शिक्षण कार्य करते हैं। विद्यालय भवन की स्थिति ये है कि दीवारों से मलबा गिरता है और बारिश में कमरों की छत से पानी टपकता है। विद्यालय में तैनात अध्यापक जय गुरुदेव सिंह और बैरिस्टर यादव ने बताया कि भवन निर्माण के 35 वर्षों के बाद कभी भवन की मरम्मत नहीं करायी गयी। इसको लेकर हम लोगों ने समाज कल्याण विभाग को कई बार लिखित सूचना दी परंतु विद्यालय में पढ़ने वाले 92 बच्चों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी। इस वजह से जर्जर भवन में ही बच्चों को पढ़ाने के लिए बाध्य हैं।

 

जर्जर भवन के गिर जाने के डर से अविभावक बच्चों को विद्यालय भेजने से कतरा रहे हैं। बहिराबारी गांव के ग्राम प्रधान पंकज कुमार आर्य ने बताया कि जिले के आला अधिकारियों से लेकर उपमुख्यमंत्री तक को पत्र लिख कर कई बार जर्जर भवन की जगह नया स्कूल भवन बनाने की मांगी गयी है। तत्कालिन समाज

कल्याण विकास अधिकारी अलख निरंजन मिश्र द्वारा 2023 में जर्जर भवन का निरीक्षण किया गया था और नया इमारत बनाने की बात कही गई थी। ग्राम सभा के पैसे से विद्यालय बनाना चाहता हूं। इसके लिए मैंने अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है परंतु दो वर्षों से दौड़ने के बाद भी मुझे विभाग ने अभी तक अनापत्ति प्रमाण पत्र तक नहीं दिया है।

 

इस संबंध में समाज कल्याण विकास अधिकारी संदीप चौधरी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। इसको लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मेरे पास आए थे। भवन के देखरेख की जिम्मेदारी प्रबंधन विभाग पास होती है। समाज कल्याण के पास भवन निर्माण का बजट नहीं है। हमारे विभाग द्वारा अध्यापक को केवल सैलरी दी जाती है। विद्यालय के रख रखाव की जिम्मेदारी प्रबंधन विभाग के पास होती है। मेरे द्वारा इस मामले में आईजीआरएस के संबंध में जिलाधिकारी महोदय को सूचना दी गयी है।

 

 

 

अभिभावकों ने पूछा, दुर्घटना हुई तो जिममेदारी किसकी

 

ग्राम सभा के अरुण चौबे, कुमारेश उपाधाय, क्षेत्र पंचायत सदस्य विपिन उपाध्याय, राजीव रंजन तिवारी, मनोज तिवारी, राजेश

यादव, वर्मा जी शर्मा ने बताया कि भवन की स्थिति से सभी वाकिफ हैं पर कोई जिम्मेदार इसपर ध्यान नहीं दे रहा है। लोगो ने सवाल किया कि यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि बच्चों के पढ़ने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हुई तो हम लोग बच्चों को पढ़ने नहीं भेजेंगे।

 

 

 

जर्जर भवन में स्कूल चलने की जानकारी नहीं थी। मैं समाज कल्याण विभाग से बात करता हूं । ऐसे जर्जर भवन में बच्चों को बैठा कर उनके जीवन के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। बच्चों को पढ़ने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग या समाज कल्याण विभाग को दूसरे भवन की व्यवस्था करनी चाहिए।

 

-विकास चंद, एसडीएम तमकुही राज

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *