शेर मोहम्मद
सफल समाचार देवरिया
अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक बिक्री करते हुए पाए जाने पर होगी विधिक कार्रवाई-डीएम
देवरिया जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया है कि कृषकों को उर्वरकों की बिक्री वास्तविक आवश्यकता के अनुसार उनकी जोत / कृषि भूमि के आधार पर ही नियमित रूप से फसल की संस्तुतियों के अनुरूप उर्वरकों का वितरण, शतप्रतिशत पी०ओ०एस० मशीन के माध्यम से कराने तथा यूरिया व फास्फेटिक उर्वरको के साथ किसी अन्य उत्पाद की टैगिंग रोकने, ओवर रेटिंग, कालाबाजारी, जमाखोरी अनुदानित उर्वरको का प्रयोग औद्यौगिक इकाईयों में किए जाने तथा अन्तर्राज्जीय सीमा से लगे हुए क्षेत्रों में उर्वरकों की तस्करी किए जाने की संभावना के दृष्टिगत सतत् निगरानी, उर्वरक बिक्री केन्द्रो का स्थलीय निरीक्षण एवं उपलब्ध भौतिक सम्भार का रेण्डम सत्यापन कराये जाने सम्बन्धित निर्देश प्राप्त हुए है।
जिलाधिकारी ने बताया है कि जनपद में कृषकों द्वारा खरीफ फसलों की बुवाई, रोपाई का कार्य माह जून से कृषकों द्वारा प्रारम्भ किया जा चुका है। बुवाई, रोपाई के समय नत्रजनिक एवं फास्फेटिक उर्वरकों की आवश्यकता माह जून एवं जुलाई में अधिक होने के कारण मांग में वृद्धि हो जाती है। कृषकों को निर्धारित दरों पर उनकी जोत वही के अनुसार संस्तुत मात्रा में गुणवत्तायुक्त यूरिया एव डी०ए०पी० की उपलब्धता सुनिश्चित कराना एवं जमाखोरी, कालाबाजारी, निर्धारित दर से अधिक दरों पर बिक्री, यूरिया के साथ अन्य उर्वरको, उत्पादो की टैगिंग पर अंकुश लगाना शासन की प्राथमिकता है, जिसके लिए निर्धारित कार्यवाही सुनिश्चित किया जाए।
यूरिया, डी०ए०पी०, एन०पी०के० काम्पलेक्स एवं एम०ओ०पी० की बिक्री कृषकों को निर्धारित मूल्य पर अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करायी जाए, यदि कोई उर्वरक विक्रेता अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक मूल्य पर उर्वरक बिक्री करता पाया जाए तो उसके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 में निहित प्राविधानानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। कृषकों को उनकी जोत, कृषित भूमि के आधार पर ही नियंत्रित तरीके से फसल की संस्तुतियों के अनुरूप वितरण, बिक्री आधार कार्ड के आधार पर सुनिश्चित किया जाए। उर्वरकों की आपूर्ति, उपलब्धता एवं वितरण की जनपद स्तरीय समिति के द्वारा साप्ताहिक बैठक आयोजित कर नियमित रूप से समीक्षा की जाए। थोक उर्वरक बिक्रेताओ के द्वारा फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को मुख्य उर्वरक यूरिया, डी०ए०पी०, एन०पी० के० काम्पलेक्स, एम०ओ०पी० एवं एस०एस०पी० के साथ जबरन किसी भी प्रकार के अन्य उर्वरक, उत्पाद की टैगिंग करके बिक्री न की जाय। ऐसे उर्वरक विनिर्माता या प्रदायकर्ता संस्थाओं पर भी सतर्क दृष्टि रखी जाये, जिनके द्वारा किसी थोक उर्वरक विक्रेता को प्रमुख उर्वरक यूरिया की आपूर्ति दिये जाने हेतु कम प्रचलित उर्वरक या उत्पाद भी क्रय करने हेतु बाध्य किया जाता है। बाध्यता की पुष्टि होने पर उनके विरूद्व उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) (नियंत्रण) आदेश 1985, आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अन्तर्गत नियमों के उल्लंघन हेतु एफ०आई०आर० दर्ज कराते हुए विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाय। प्रत्येक उर्वरक व्यवसायी के स्तर पर स्टाक पंजिका, बिक्रय पंजिका, तथा रसीद अनिवार्य रूप से रखी जाय या ऐसे प्रारूप में डिजिटल स्टाक रजिस्टर, जो तिथिवार स्टाक स्थिति, आरम्भिक अतिशेष, दिन के दौरान प्राप्तियाँ, दिन के दौरान बिक्रय और अन्तिम स्टाक को स्पष्ट प्रदर्शित करता हो, का होना आवश्यक है। जनपद में थोक, फुटकर उर्वरक विक्रेताओं तथा उर्वरक बिक्री केन्द्रो पर उर्वरकों की उर्वरकवार बिक्री दर तथा स्टाक का अंकन रेट या स्टाक बोर्ड पर प्रतिदिन अंकित किया जाए। प्रत्येक माह टॉप-20 बायर्स या फिक्वेन्ट बायर्स (क्रेता) की सूची एम०एफ०एम०एस० पोर्टल से प्राप्त कर परीक्षण करा लें तथा संदिग्ध प्रकरणों की टीम गठित करते हुए स्थलीय जांच कराकर नियमानुसार विधिक कार्रवाई करायी जाय, तथा भारत सरकार के पोर्टल पर प्रत्येक माह सत्यापन रिपोर्ट अपलोड की-समय समय पर भारत सरकार की टीम उर्वरकों से सम्बन्धित समीक्षा या पर्यवेक्षणी हेतु जनपद स्तर पर जाए, तो ऐसी स्थिति में जनपदीय कृषि अधिकारियों द्वारा उनका पूर्ण सहयोग किया जाए। अनुदानित यूरिया के गैर कृषिगत कार्यों में सम्भावित उपयोग को रोकने हेतु समय-समय पर सम्बन्धित औद्यौगिक इकाईयों पर छापे डालने की कार्यवाही की जाए तथा अनुदानित यूरिया का उपयोग पाए जाने पर विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाय।
ऐसे उर्वरक बिक्रेताओ, असामाजिक तत्वों, जो अवैध गतिविधियों यथा जमाखोरी, कालाबाजारी, अधिक दामों पर उर्वरकों की बिक्री, अन्य कम प्रचलित उर्वरकों, उत्पादों की टैगिंग कर बिक्री तस्करी, अधोमानक उर्वरकों की बिक्री, अनुदानित उर्वरकों का प्रयोग औद्योगिक इकाईयों में करने में संलिप्त पाया जाता है तो उनके विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में निहित प्राविधानानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाय।उपरोक्त निर्देशो का अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए।