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जमीन बचाने के लिए चलेगा अभियान- लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति
● सम्मेलन, सभाएं और बैठकों से किया जायेगा संवाद
● लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की बैठक में हुए फैसले
लखनऊ। योगी सरकार रियल स्टेट कंपनियों की एजेंट बनी हुई है। उनके लिए वह लैंड पूलिंग करने का पूरे प्रदेश में प्रयास कर रही है। लखनऊ उनका अब नया निशाना है। लखनऊ की कुकरैल रिवर फ्रंट के किनारे बसी अकबरनगर बस्ती को ध्वस्त करने के बाद सरकार का मनोबल बढ़ा हुआ था और उसने अबरार नगर, पंतनगर, खुर्रम नगर, रहीम नगर, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी आदि जगहों को भी बुलडोज करने की दिशा में कार्रवाई करनी शुरू कर दी थी। संघर्ष समिति के राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद सरकार को अपने कदम पीछे हटाने पड़े हैं लेकिन यह तत्कालिक जीत है और सरकार पुन: उन बस्तियों पर हमला कर सकती है।अकबरनगर को पर्याप्त मुआवजे के साथ पुनर्स्थापित करने और नजूल सम्पत्ति अध्यादेश को वापस कराने की मांगों के लिए आपसी एकता को बनाए रखना वक्त की जरूरत है। यह बातें सीपीएम कार्यालय पर लखनऊ बचाओ संघर्ष समिति की हुई बैठक में वक्ताओं ने कहीं। बैठक में कहा गया कि हैदर कैनाल के किनारे बसी हुई करीब 6 लाख आबादी को बेदखल करने की कोशिश हो रही है और नजूल संपत्ति अध्यादेश के जरिए बहुत सारी जगह को भी खाली करने का सरकार प्रयास कर सकती है। साथ ही 700 से ज्यादा मलिन बस्तियों पर भी बेदखली की तलवार लटक रही है। इसलिए रियल एस्टेट कंपनियों की एजेंट बनी इस सरकार की बुलडोज करने और बेदखल करने की हर कार्रवाई का मजबूती से मुकाबला करना होगा और लखनऊ के आम नागरिकों के बीच में इसकी सच्चाई को ले जाने के लिए अभियान चलायक जाएगा। इस अभियान में 9 अगस्त को रामनगर में और 11 अगस्त को हैदर कैनाल के किनारे बसी छितवापुर पजावा में सम्मेलन करने का तथा 6 अगस्त को अस्ति गांव में जाने का निर्णय हुआ। बैठक में इस बात पर गहरी चिंता व्यक्त की गई कि अकबरनगर के विस्थापित जिनको बसंत कुंज योजना में बसाया गया हैं, वहां बेहद बुरा हाल है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें एक आत्महत्या का भी मामला रिपोर्ट किया गया है। वसंत कुंज योजना के निवासियों का हाल जानने के लिए शीघ्र ही महिला संगठनों का एक प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा और उसकी रिपोर्ट को जारी करेगा। अकबरनगर को पुनर्स्थापित करने के सवाल को विधानसभा के मानसून सत्र में समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा द्वारा उठाया जाएगा।बैठक की अध्यक्षता पूर्व कुलपति लखनऊ विश्वविद्यालय प्रोफेसर रूपरेखा वर्मा ने की और संचालन आईपीएफ के प्रदेश महासचिव दिनकर कपूर ने किया। बैठक में आंदोलन की योजना सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य मधु गर्ग ने रखी। बैठक में कांग्रेस के शहर अध्यक्ष डॉक्टर शहजाद आलम, सीपीआई की केंद्रीय काउंसिल सदस्य कांति मिश्रा, भाकपा माले केंद्रीय कमेटी की सदस्य कृष्णा अधिकारी, अकबरनगर के नेता इमरान राजा, जागरूक नागरिक मंच की कात्यायनी, सीपीएम के प्रवीन सिंह, युवा मंच के शानतम, रामनगर से कैमूर निशा, हैदर कैनाल से गौतम गोविंद, एपवा की मीना सिंह, भाकपा माले के रमेश सिंह सेंगर, विजय विद्रोही, मधु सुदन मगन, सीटू की बबिता आदि लोगों ने अपनी बात रखी।