मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार 

 मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर सौंपा ज्ञापन

● संयुक्त ट्रेंड यूनियन इंटक, एटक, सीटू के प्रतिनिधि व अन्य कार्यकर्ता उपस्थित होकर किया प्रदर्शन 

● मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन की गारंटी करें सरकार

फोटो- मजदूर विरोधी कानून के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के दौरान ज्ञापन लेते मुख्य विकास अधिकारी सौरभ गंगवार 

रॉबर्ट्सगंज, सोनभद्र।केंद्रीय श्रमिक संगठनों के आवाहन पर आज दिनांक 9 अगस्त 2024 को माननीय राष्ट्रपति भारत गणराज्य को जिलाधिकारी सोनभद्र के माध्यम से इंटक, एटक सीटू के प्रतिनिधियों ने ज्ञापन देकर यह अनुरोध  किया कि भारत सरकार द्वारा बने कारखाना अधिनियम 1948 को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संशोधन कर विधेयक विधानसभा में एक अगस्त को तथा 2 अगस्त 2024 को विधान परिषद में पारित कर इस संशोधन के जरिए सरकार ने उत्तर प्रदेश के कारखानो में काम के घंटे 8 के स्थान पर 12 घंटे , महिला कर्मचारियों को रात्रि पाली में काम करने की अनुमति तथा जो 8.33 परसेंट न्यूनतम बोनस संदाय अधिनियम अंतर्गत संविदा कार को देना अनिवार्य था ना देने की स्थिति में जेल भेजने का प्रावधान था उसे समाप्त कर मालिकों के ऊपर छोड़ दिया गया है बोनस ना देने पर उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। ऐसा कानून उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बना दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई से श्रमिक वर्ग में भारी आक्रोश पैदा कर दिया है इंटक के जिला अध्यक्ष हरदेवनारायण तिवारी एटक के प्रदीप कुमार कनौजिया सीटू के नेता कामरेड लालचंद इंटक के उपाध्यक्ष बृजेश तिवारी शमीम अख्तर खान माननीय राष्ट्रपति महोदय से अपील किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर न कर उसे वापस भेजने का अनुरोध किया गया है ज्ञापन में यह भी मांग किया गया है कि कारखाना में काम करने वाले कामगारों के न्यूनतम वेज रिवीजन विगत 5 वर्ष से नहीं किया गया है यह रिवीजन 2019 में हो जाना चाहिए था उत्तर प्रदेश सरकार से कहा जाए कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन शीघ्र रिवीजन किया जाए। ई-श्रम पोर्टल पर देशभर में 28 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 8 करोड़ से ज्यादा मजदूर पंजीकृत है उनके सामाजिक सुरक्षा जैसे बीमा का लाभ आवास पेंशन पुत्री विवाह योजना मुक्त शिक्षा आदि सुनिश्चित किया जाए । नियमित कार्यों पर लगे मजदूरों को समान कार्य का सामान मजदूरी दिए जाने, आंगनवाड़ी, आशा, मिड डे मील वर्कर को राज्य कर्मचारी घोषित किए जाने, देश में खाली पड़े पदों पर भर्ती किए जाने ,आदि मांगे की गई है ।यदि इस पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में कामगार बड़ा आंदोलन करने के लिए वाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की होगी। ज्ञापन देने वालों में अजीत साहू योगेंद्र दुबे राजेश पांडे लालजी साहनी राजाराम शिव प्रसाद खरवार शिवपूजन पाठक मुनी प्रसाद गुप्ता विनोद यादव अविनाश श्रीवास्तव रामविलास यादव आदि रहे । 

 

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