सीएम योगी ने संपूर्णानंद में देखी दुर्लभ पांडुलिपियां, सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की पहल को सराहा

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मनमोहन राय 

सफल समाचार लखनऊ 

सीएम योगी ने संपूर्णानंद में देखी दुर्लभ पांडुलिपियां, सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण की पहल को सराहा

– मुख्यमंत्री ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का किया औचक निरीक्षण

 – कुलपति ने किया स्वागत, संकाय, छात्रावास व लाइब्रेरी का किया अवलोकन 

 – वैदिक वांग्मय पर आधारित ज्ञान से युक्त ऐतिहासिक मुख्यभवन में बनेगा वैदिक-3D म्यूजियम 

 – राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय,चौकाघाट को पुनः विश्वविद्यालय के संकाय के रूप में परिवर्तित करने का प्रस्ताव

 

 वाराणसी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान संकाय, छात्रावास और लाइब्रेरी का अवलोकन किया। उन्होंने लाइब्रेरी में रखी दुर्लभ पांडुलिपियां देखीं। उन्होंने भारतीय संस्कृति के संरक्षण की पहल को सराहा। विश्वविद्यालय के पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों के संबंध में कुलपति सहित अन्य अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को विस्तार से अवगत कराया। 

 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक दिवसीय दौरे पर रविवार को वाराणसी पहुंचे। डॉ. संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कुलपति और शिक्षकों ने बताया कि भारतीय ज्ञान परम्परा के अतिप्राचीन केंद्र सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक मुख्य भवन में वैदिक वांग्मय के क्रमिक विकास पर 3-डी म्यूजियम का निर्माण किया जाएगा। इसमें 16 संस्कारों, 64 कलाओं, 18 विद्या स्थान को विस्तृत रूप दिया जाएगा। राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, चौकाघाट को पुनः इस संस्था के संकाय के रूप में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। ऋषि तुल्य आचार्यों के शोध एवं भारतीय नक्षत्र विद्या के दर्शनी म्यूजियम मे होंगे। उन्होंने कुलपति के प्रस्ताव पर परिसर स्थित 234 वर्षीय मुख्य भवन के अंदर का अवलोकन कर भारतीय नक्षत्र विद्या, भारतीय खगोल विद्या, भारतीय ऋषियों द्वारा किए गए कार्यो के ऊपर म्यूजियम बनाये जाने तथा शास्त्रार्थ को इसी भवन में कराए जाने का भी निर्देश दिए। 

 

सीएम ने देखी दुर्लभ पांडुलिपियां 

 मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक सरस्वती भवन में संरक्षित दुर्लभ पांडुलिपियों में “रास पंचाध्यायी”, भागवतगीता एवं दुर्गासप्तशती (विशेष कपड़े में लिखी गई) जो कि स्वर्ण अक्षरों एवं स्वर्ण कलाओं से युक्त हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति के धरोहर को संरक्षित करने के अभियान को निरन्तर जारी रखने तथा विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे इस प्रयास की सराहना भी किया। मुख्यमंत्री ने विस्तार भवन में भारत सरकार के सहयोग से राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन के द्वारा पांडुलिपियों के संरक्षण के कार्यो का भी अवलोकन किया। छात्रावासों का भी निरीक्षण करते हुए क्रमश: शोध छात्रावास एवं गंगानाथ झां छात्रावास जाकर देखा। भौतिक रूप से गंगानाथ झा छात्रावास का सूक्ष्मता से निरीक्षण किए। वहां पर साइकिल स्टैंड एवं गाड़ी स्टैंड बनाए जाने का निर्देश देते हुये स्वच्छता, जर्जर तारों को बदलने सहित अन्य जरूरी कार्यो को कराए जाने हेतु भी निर्देशित किया। 

 

संस्कृत में लगेंगे सभी विभागों के बोर्ड

 कुलपति ने मुख्यमंत्री को बताया कि परिसर के सभी विभागों के साईन बोर्ड को संस्कृत भाषा में करने सहित सीवर, ड्रेनेज एवं जर्जर सड़कों को व्यवस्थित कराया जाना है। इसके पूर्व विश्वविद्यालय के वैदिक विद्यार्थियों के वैदिक मंत्रोच्चार, स्वस्तिवाचन के साथ कुलपति प्रो. बिहारीलाल शर्मा, कुलसचिव राकेश कुमार ने परिसर के मुख्य भवन के समक्ष पुष्पगुच्छ एवं अंगवस्त्र के साथ स्वागत और अभिनंदन किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विकास प्राधिकरण के मानद सदस्य अंबरीश सिंह भोला, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, अपर पुलिस कमिश्नर एस चिनप्पा आदि मौजूद रहे।

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