विश्वजीत राय
सफल समाचार कुशीनगर
24 घंटा सेवा उपस्थित रहते हैं जनता के बीच में रेड हिल्स ग्रुप चेयरमैन समाजसेवी आलमगीर अंसारी
सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस संसार में नहीं है आलमगीर अंसारी
कसया, कुशीनगर। किसी इंसान को कामयाब होने के लिए सिर्फ दौलत की जरूरत नही होती है कुछ कामयाबी ऐसी होती है जो बिना दौलत के कमाई जाती है जिला कुशीनगर रहने वाले रेड हिल्स ग्रुप सीएमडी आलमगीर अंसारी उन चुनिंदा लोगो मे से एक है जो इन दिनों पूरे उत्तर प्रदेश अपनी कार्यशैली से लाखों दिलो पर राज कर रहे हैं। आइये जानते है वरिष्ठ रेड हिल्स ग्रुप समाजसेवी सीएमडी आलमगीर अंसारी का क्या कहना है कैसे वो इस मुकाम पर पहुंचे। जहाँ बड़े बड़े धनवान नही पहुंच पाते हैं। रेड हिल्स ग्रुप श्री अंसारी का कहना है कि दूसरों के प्रति निःस्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। निःस्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर अग्रसर हो सकें। सेवारत व्यक्ति सर्वप्रथम अपने, फिर अपने सहकर्मियों व अपने सेवायोजक के प्रति ईमानदार हो। इन स्तरों पर सेवा भाव में आई कमी मनुष्य को धीरे-धीरे पतन की ओर ले जाती है। सेवा भाव ही मनुष्य की पहचान बनाती है और उसकी मेहनत चमकाती है। सेवाभाव हमारे लिए आत्मसंतोष का वाहक ही नहीं बनता बल्कि संपर्क में आने वाले लोगों के बीच भी अच्छाई के संदेश को स्वतः उजागर करते हुए समाज को नई दिशा व दशा देने का काम करता है। जैसे गुलाब को उपदेश देने की जरूरत नहीं होती, वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। उसकी खुशबू ही उसका संदेश है। ठीक इसी तरह खूबसूरत लोग हमेशा दयावान नहीं होते लेकिन दयावान लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं, यह सर्वविदित है। सामाजिक, आर्थिक। सभी रूपों में सेवा भाव की अपनी अलग- अलग महत्ता है। बिना सेवा भाव के किसी भी पुनीत कार्य को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता। सेवा भाव के जरिए समाज में व्याप्त कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने के साथ ही आम लोगों को भी उनके सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक किया जा सकता है। असल में सेवा भाव आपसी सद्भाव का वाहक बनता है। जब हम एक-दूसरे के प्रति सेवा भाव रखते हैं तब आपसी द्वेष की भावना स्वतः समाप्त हो जाती है और हम सभी मिलकर कामयाबी के पथ पर अग्रसर होते हैं। सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को चाहिए कि सेवा के इस महत्व को समझें व दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें। तभी हम असल मे एक कामयाब इंसान बन सकते है।