शेर मोहम्मद
सफल समाचार देवरिया
मंत्र जाप से ग्रंथ और संत के मार्ग दर्शन से सुखमयी हो जाता है जीवन: पंडित राघवेन्द्र शास्त्री
-खुखुंदू पईलहां मोहल्ला में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित राघवेन्द्र शास्त्री ने समुद्र मंथन की कथा का श्रोताओं को कराया रसपान
खुखुंदू। खुखुंदू पईलहां मोहल्ले में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन केरल से पधारे कथा व्यास पंडित राघवेन्द्र शास्त्री महाराज ने समुद्र मंथन की कथा का श्रोताओं को रसपान कराया। उन्होंने बताया कि मंत्र जाप से ग्रंथ का अध्ययन और संत के मार्ग दर्शन से जीवन सुखमई हो जाता है।
कथा को आगे बढ़ाते हुए कथा व्यास ने बताया कि एक संत, एक ग्रंथ, एक मंत्र और एक कंत (पति) का बड़ा ही महत्व है। उन्होंने बताया कि राजा रहुगण को जड़भरत जैसे संत मिले और अजामिल को नारायण जैसा मंत्र मिला। जिससे दोनों को मोक्ष प्राप्ति हुई। इसके बाद समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने बताया कि सागर मंथन में हलाहल विषपान करके महादेव नीलकंठ हो गए। शंकर भगवान ने विषपान करके पूरे संसार को यह संदेश दिया कि ऐसा ही हर परिवार के मुखिया को होना चाहिए। वर्तमान में परिवार का मुखिया कैसा होना चाहिए, सबको शंकर भगवान से इसकी सीख लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अमृत की रक्षा के लिए भगवान ने मोहिनी रुप धारण कर अमृत की रक्षा की। अर्थात हमारा व्यक्तित्व जिवित रहे यही अमरत्व है। इतिहास साक्षी है महापुरुषों ने अपना पूरा जीवन समाज कल्याण के लिए न्योछावर कर दिया। कथा का शुभारंभ मुख्य अतिथि उतर प्रदेश सरकार के कृषी मंत्री सूर्य प्रताप शाही और विशिष्ट अतिथि भाजपा नेता एवं जिलापंचायत सदस्य भटनी अजीत सिंह रहें। मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि ने कथा व्यास का माल्यार्पण किया। इस दौरान दिनेश शर्मा, राकेश शर्मा,अभय कुमार,भाजपा बैकुंठपुर मंडल अध्यक्ष राजेश कुशवाहा, रामसूरत राय मास्टर, दिग्विजय राय चुन्नू , मनन राय, अशोक राय, श्रीराम गुप्ता, भरत मद्धेशिया सहित अन्य उपस्थित रहे।