जनता की बैंकों में जमा दो तिहाई पूंजी का हो रहा पलायन 

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार 

 जनता की बैंकों में जमा दो तिहाई पूंजी का हो रहा पलायन 

• आदिवासी विश्वविद्यालय, शिक्षा-स्वास्थ्य, रोजगार के लिए चलेगा अभियान 

• रासपहरी में हुई बैठक में लिया निर्णय, घर-घर जायेंगे युवा

म्योरपुर, सोनभद्र। सरकारी आंकड़ो के अनुसार जनपद का ऋण जमा अनुपात बेहद खराब है। यहां आम जनता की बैंकों में जमा पूंजी का दो तिहाई हिस्सा दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहा है। जिसके कारण इस क्षेत्र में भयंकर गरीबी, कुपोषण और बेरोजगारी व्याप्त है। यदि इस पैसे को यहां स्टार्टअप लगाने के लिए नौजवानों को 10 लाख तक अनुदान में दिया जाता और महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाता, खेती-किसानी, लघु कुटीर उद्योग पर खर्च किया जाए तो यहां पर बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हो सकता है। इसलिए पूरे जनपद में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के सवाल पर रोजगार अधिकार अभियान संचालित किया जाएगा और घर-घर पहुंचने और समाज के सभी तबको तक संदेश को ले जाने की कोशिश की जाएगी। यह निर्णय आज रासपहरी में हुई रोजगार अधिकार अभियान की बैठक में लिया गया। बैठक में अभियान के कोऑर्डिनेटर राजेश सचान मौजूद रहे और बैठक का संचालन युवा मंच की जिला संयोजक सविता गोंड किया।बैठक में लिए गए प्रस्ताव में कहा गया कि युवा मंच और युवाओं के अभियान का प्रभाव है कि अब सत्ता पक्ष के मंत्री और जनप्रतिनिधि इस क्षेत्र में आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने की बात करने लगे हैं। इस क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विश्वविद्यालय के साथ लड़कियों के लिए डिग्री कॉलेज, पोखरा में बने हुए सरकारी डिग्री कॉलेज को तत्काल चालू करने, पीपरखाड समेत जनपद में बने सभी सरकारी कौशल प्रशिक्षण संस्थान को शुरू करने, ब्लाकों में आईटीआई, तहसील स्तर पर पालिटेक्निक, बभनी और म्योरपुर में राजकीय इंटर कॉलेज का निर्माण और सभी विद्यालयों में शिक्षकों की निश्चित संख्या के अनुसार नियुक्ति करने के सवालों को अभियान में मजबूती से उठाया जायेगा।प्रस्ताव में कहा गया कि यह दुखद है कि विकास की बहुत बातें होती हैं। लेकिन इस क्षेत्र में डिलीवरी तक में महिलाओं की मौते हो रही है। यहां के लोगों का हीमोग्लोबिन मानक से बेहद कम रहता है और वह आमतौर पर कुपोषण का शिकार होते हैं। हालत इतनी बुरी है कि फ्लोरोसिस के कारण विकलांगता स्थाई समस्या बन चुकी है। प्रदूषित पानी पीने के कारण लोगों की जान पर खतरा रहता है। सरकारी अस्पतालों का हाल बुरा है। न्यूनतम सुविधाओं के अभाव में लोगों को रेफर कर दिया जाता है। ऐसी स्थिति में सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज, जांच और दवा की सुविधा, विशेषज्ञ डॉक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति, मोबाइल चिकित्सालय चलाने, तीन गांव के बीच एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और धात्री महिलाओं को बच्चे के पालन पोषण के लिए 10 हजार रुपए की सहायता जैसे सवालों को भी अभियान में उठाया जाएगा।   बैठक में युवा मंच की जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, राजकुमारी गोंड, एआईपीएफ के जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, जुगनू सिंह, विजय पनिका, ललित कुमार, पूजा कुमारी, आरती, राजेन्द्र प्रसाद, इंद्रदेव खरवार, समरजीत गोंड आदि लोगों ने अपनी बात रखी।

 

 

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