सेंट जॉन्स चर्च, गोरखपुर में गुड फ्राइडे सेवा का भव्य आयोजन पादरी विवेक मैसी ने दिया विशेष प्रवचन

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सुनीता राय 

सफल समाचार गोरखपुर 

सेंट जॉन्स चर्च, गोरखपुर में गुड फ्राइडे सेवा का भव्य आयोजन

पादरी विवेक मैसी ने दिया विशेष प्रवचन

सेंट जॉन्स चर्च, गोरखपुर में शुक्रवार को गुड फ्राइडे के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना सभा एवं सेवा का आयोजन किया गया। यह दिन ईसाई समुदाय के लिए अत्यंत पवित्र और भावनात्मक होता है, क्योंकि इसी दिन प्रभु यीशु मसीह को मानव जाति के पापों के प्रायश्चित हेतु क्रूस पर चढ़ाया गया था।

 

 

इस अवसर पर चर्च में एकत्र हुए श्रद्धालुओं के समक्ष विशेष रूप से आमंत्रित पादरी विवेक मैसी ने गुड फ्राइडे पर एक गहन और प्रेरणादायक प्रवचन (sermon) प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने संदेश में प्रभु यीशु मसीह के बलिदान, प्रेम, क्षमा और सेवा की भावना पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे यह दिन हमें आत्मचिंतन, पश्चाताप और अपने जीवन को आध्यात्मिक रूप से सुधारने की प्रेरणा देता है। क्रूस पर यीशु के सात अंतिम शब्द बताए गए 
”पिताजी, उन्हें माफ कर दीजिए, क्योंकि वे नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं।” (लूका 23:34) 
”आज तू मेरे साथ स्वर्ग में रहेगा।” (लूका 23:43) 
”हे नारी, यह तेरा पुत्र है, हे पुत्र, यह तेरी माता है।” (यूहन्ना 19:26-27) 
”हे मेरे पिता, आपने मुझे क्यों त्याग दिया?” (मत्ती 27:46) 
”मुझे प्यास लगी है।” (यूहन्ना 19:28) 
”यह पूरा हो गया है।” (यूहन्ना 19:30) 
”पिताजी, मैं अपनी आत्मा तुम्हारे हाथों में सौंपता हूं।” (लूका 23:46)

 

 

 

पादरी मैसी ने कहा, “गुड फ्राइडे एक दुखद घटना अवश्य है, लेकिन यह हमें परमेश्वर के प्रेम की गहराई का अनुभव कराता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारे उद्धार के लिए प्रभु ने कितना बड़ा बलिदान दिया।” उन्होंने श्रद्धालुओं को अपने जीवन में सेवा, सहानुभूति और क्षमा जैसे मूल्यों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।

 

पूरी प्रार्थना सभा शांत, संयमित और भावनात्मक वातावरण में सम्पन्न हुई। चर्च में क्रॉस की आराधना, भजन-प्रार्थना और बाइबिल पाठ किए गए, जिसमें बड़ी संख्या में विश्वासियों ने भाग लिया।

 

इस आयोजन की जानकारी श्वेता जॉनसन ने दी। उन्होंने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी चर्च में गुड फ्राइडे को बड़ी श्रद्धा और गंभीरता के साथ मनाया गया, और लोगों ने प्रभु यीशु के बलिदान को स्मरण करते हुए आत्मचिंतन किया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना और शांति के संदेश के साथ हुआ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *