सफल समाचार
विक्रांत सिंह चौहान
हल्द्वानी नैनीताल
उत्तराखंड के हल्द्वानी नगर निगम में एक बेहद चौंकाने वाला और बेहद गम्भीर मामला सामने आया है, जिसने सिस्टम की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या जैसे जघन्य अपराध में उम्रकैद की सजा भुगत रहे एक आरोपी के नाम पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया गया, जबकि वह व्यक्ति न केवल जीवित है, बल्कि इस वक़्त जमानत पर घूम रहा है।
थाना बनभूलपुरा के प्रभारी निरीक्षक नीरज भाकुनी को एक जांच के दौरान यह चौंकाने वाली जानकारी प्राप्त हुई कि हत्या का आरोपी, जिसे मृत घोषित कर दिया गया है, दरअसल जमानत पर बाहर है। इस संदिग्ध सूचना की पुष्टि होते ही पुलिस ने नगर निगम हल्द्वानी को सतर्क किया। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रार मनोज कांडपाल ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस जांच में पता चला कि बनभूलपुरा कब्रिस्तान कमेटी के पदाधिकारी इकबाल अंसारी, उनके पुत्र तनवीर अहमद और कुछ अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने मोटी रकम लेकर ऐसे फर्जी प्रमाण पत्र तैयार कराए, जिससे किसी भी व्यक्ति को कानूनी रूप से मृत घोषित किया जा सके।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह कोई एक-दो बार की गलती नहीं, बल्कि एक सुनियोजित और संगठित आपराधिक षड्यंत्र है। कब्रिस्तान कमेटी द्वारा झूठी रसीदें बनाकर नगर निगम को दी जाती थीं, जिसमें दर्शाया जाता था कि संबंधित व्यक्ति को कब्रिस्तान में दफनाया गया है। इसी आधार पर नगर निगम मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर देता था, बिना किसी भौतिक सत्यापन के।
यह पूरा षड्यंत्र न केवल कानून का मजाक उड़ाता है, बल्कि यह दर्शाता है कि किस तरह प्रशासनिक प्रक्रियाएं कुछ भ्रष्ट और लालची व्यक्तियों के हाथों की कठपुतली बन चुकी हैं।
प्राप्त शिकायत के आधार पर थाना बनभूलपुरा में आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120B के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इन धाराओं के अंतर्गत यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो दोषियों को 10 वर्ष या उससे अधिक की कठोर सजा हो सकती है।
साथ ही नगर निगम के किन-किन अधिकारियों की भूमिका इस फर्जीवाड़े में रही। यदि नगर निगम के किसी भी कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके विरुद्ध भी विभागीय और आपराधिक कार्रवाई की जाएगी।