सफल समाचार गणेश कुमार
सोनभद्र -जिलाधिकारी श्री चन्द्र विजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद सोनभद्र जंगलों आदि से घिरे होने के कारण प्रायः जनपद के अधिकांश क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं, अग्निकाण्ड इत्यादि अनेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उक्त के दृष्टिगत व्यापक रूप में होने वाली जन-धन की हानि को न्यून करने हेतु विभागवार निम्न कार्यो को ससमय पूर्ण किये जाने हेतु निर्देशित किया हैः- सड़क की मरम्मत एवं अन्य कार्य-सड़कों में बने गड्ढों का मरम्मत कार्य तत्काल पूर्ण कराया जाय, साथ ही डिवाइडर की मरम्मत एवं मानक के अनुसार उनका रंग-रोगन कार्य पूर्ण हो। विभिन्न प्रकार के सड़क की सतह का अंकन रोड़ सुरफेश मार्किगं गतिरोधक, जेब्रा क्रासिंग आदि पर पेंटिग का कार्य निर्धारित मानक के अनुसार सुनिश्चित हों। सड़को के किनारे रेडियत पट्टी दिकपरिर्वतन सूची आदि कार्य कराये तथा अति संवेदनशील स्थान जहाॅ पर प्रायः दुर्घटनाये होती हो, को सूचीबद्ध कर दुर्घटना अरोधक/रक्षात्मक कार्य पूर्ण करान सुनिश्चित करें। प्रकाश बिन्दुओं की मरम्मत-सड़को एवं मोहल्लों में स्थापित प्रकाश बिन्दू जो कि खराब व क्षतिग्रस्त हैं उन्हे तत्काल ठीक करायें व लेड लाईट का प्रयोग अधिक हो यह सुनिश्चित करें। साथ ही निर्धारित समयानुसार उनके चालू एंव बन्द होने का कार्य सुनिश्चित हों। वाहनों पर चेतावनी स्टीेकर (रेडियम)- समस्त वाहनो (चार पहिया, दो पहिया, ट्रैक्टर ट्राली, कम्बाइन हार्वेस्टर, स्कूल वाहन, ट्रक टैम्पों, परिवहन निगम अनुबन्धित बसों पर) एवं नगर निकायों में स्थित टैक्सी स्टैण्डों पर आ रहे वाहनों पर रिफ्लेक्टर नारंगी रंग का चेतावनी स्टीकर (रेडियम) लगवाना सुनिश्चित करें जिससें कि वाहनों के मध्य उचित दूरी बनी रहे तथा दुर्घटनाओं को न्यून किया जा सकें। उन्होंने बताया कि अलाव एवं कम्बल की व्यवस्था-शासन के सहयोग से महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल पर अलाव जलाने की व्यवस्था की जानी है। ऐसे स्थलों को चिन्हित कर सूचीबद्ध कर लें एवं जिन स्थानों पर अलाव जलाये जाने है उस स्थल का नाम अक्षांश व देशान्तर के साथ उपलब्ध करायें। साथ ही अपने कार्यक्षेत्र में लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी/सुपर वाइजर के माध्यम से स्वैच्छिक संगठनों व सामाजिक कार्य में रूचि रखने वाले व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए स्वेच्छा से आवश्यक स्थलों पर अलाव जलवाने तथा निराश्रितों को कम्बल वितरण हेतु प्रेरित करें। रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधन-विभाग द्वारा संचालित रैन बसेरों की सफाई एवं आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यह सुनिश्चित करें कि समस्त रैन बसेरे गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियाशील रहें एवं समस्त तहसीलों में पूर्व से स्थापित बन्दीगृह का उपयोग अस्थायी रैन बसेरा के रूप में सुनिश्चित करें तथा इस सम्बन्ध में रैन बसेरों से सम्बन्धित 15 बिन्दु तथा 07 काॅलम की सूचना पर समस्त उपजिलाधिकारी/तहसीलदार एवं समस्त अधिशासी अधिकारी नगरीय निकाय 07 दिन के अन्दर वांछित सूचना उपलब्ध करायें। अग्निकाण्ड-प्रायः ग्रामीण अंचल में ग्रामीणो द्वारा जलाये जाने वाले अलाव को ठीक ढंग से न बुझाने के कारण अग्निकाण्ड की घटनाएं घटित हो जाती हैं। उक्त के दृष्टिगत अग्निशमन विभाग द्वारा मुख्यालय एवं तहसीलों में स्थापित उपकेन्द्रों को आवश्यक संसाधनो सहित क्रियाशील रखा जाय। साथ ही लेखपाल/ग्राम विकास अधिकारी के माध्यम से ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित कर अग्नि से बचाव हेतु नागरिकों को जागरूक करें। बीमारियों से बचाव-शीतलहर के कारण आम जन को अनेेक प्रकार की बीमारियाॅं होने की संभावना बढ़ जाती हैं। विशेषकर सर्दी, जुकाम, बुखार, पेट सम्बन्धी बीमारी आदि से बचाव हेतु समस्त पी0एच0सी0/सी0एच0सी0, एवं जिला मुख्यालय पर आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हो तथा स्वास्थ्य केन्द्रों को किसी भी प्रकार की घटना घटित होने पर क्रियाशील रहने हेतु निर्देशित किया जाय। पशुओं के बचाव हेतु शीतलहर में प्रायः पशुाओं को विशेषकर उनके बछड़ों को न्यूमोनिया, डायरिया इत्यादि तथा टीकाकरण न होने के कारण खुरपका, मुॅहपका बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। पशुओं को सुरक्षित रखने हेतु टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से संचालित किये जाय। साथ ही पशु केन्द्रों पर आवश्यक दवाओं का भण्डारण सुनिश्चित हो। पशु चिकित्सकों के माध्यम से ग्र्रामीणोे को पशुओे की सुरक्षा एवं शीतलहर से बचाव हेतु जागरूक किये जाय। विद्यार्थियों को जागरूक किया जाना-विद्यालयों में विद्यार्थियों को शिक्षकों के माध्यम से ठण्ड से बचाव हेतु किये जाने वाले उपायों, खान-पान के विषय में प्रशिक्षित व जागरूक किये जाय। साथ ही उक्त जानकारी पोस्टर इत्यादि के माध्यम से प्रदर्शित किये जाय।