विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने किया धरना प्रदर्शन 29 नवम्बर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफ़ल समाचार अजीत सिंह

ओबरा -विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति,ओबरा तापीय परियोजना, उत्तर प्रदेश*ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा केंद्रीय विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से वार्ता हेतु कोई पहल न करने और वार्ता के नाम पर भ्रामक प्रचार करने से ऊर्जा निगमों में बढ़ रहा है टकराव का वातावरण:22 नवंबर से नियमानुसार कार्य और 29 नवम्बर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार*ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील

शशिकांत श्रीवास्तव प्रदेश महामंत्री विद्युत मजदूर संघ ने बताया कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश ने 27 अक्टूबर को प्रबंधन को समस्याओं के समाधान हेतु पत्र दे दिया था किंतु आज तक समस्याओं पर ऊर्जा निगमों के चेयरमैन ने वार्ता की कोई पहल नहीं की इसके विपरीत ऊर्जा निगम प्रबंधन द्वारा यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि वार्ता के लिए संगठन तैयार नहीं है जो पूरी तरह असत्य है।संघर्ष समिति ने प्रदेश के ऊर्जा मंत्री माननीय श्री अरविंद कुमार शर्मा जी से अपील की है कि वे तत्काल हस्तक्षेप कर सार्थक पहल करें जिससे वार्ता की मेज पर समस्याओं का समाधान हो सके और ऊर्जा निगमों में अनावश्यक टकराव न हो।सभा को संबोधित करते हुए वक्ता श्री अजय प्रताप सिंह, अंकित प्रकाश, कैलाश नाथ ,उमेश कुमार ,नित्यानंद सिंह, पशुपतिनाथ, सतीश, नरसिंह त्रिपाठी ,अभय प्रताप सिंह, शाहिद अख्तर, विजय कुमार,प्रहलाद शर्मा,संघर्ष समिति पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि 27 अक्टूबर को संघर्ष समिति की नोटिस देने के बाद 09 नवंबर को संघर्ष समिति को पत्र लिखकर प्रबंध निदेशक और कारपोरेशन ने वार्ता के लिए बुलाया था। यह वार्ता विफल रही क्योंकि लगभग सभी बिंदुओं पर प्रबंध निदेशक के द्वारा यह बताया गया कि वह इन समस्याओं का समाधान करने हेतु सक्षम अधिकारी नहीं हैं। संघर्ष समिति की ओर से वार्ता में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि संघर्ष समिति वार्ता के माध्यम से समस्याओं के समाधान का पक्षधर है और सक्षम अधिकारी अर्थात चेयरमैन को वार्ता करनी चाहिए। किंतु आश्चर्य का विषय है कि आज तक चेयरमैन ने संघर्ष समिति से वार्ता करने हेतु कोई पहल नहीं की है ।‌ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता 22 नवंबर से नियमानुसार कार्य आंदोलन करेंगे और 29 नवंबर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार प्रारंभ होगा जिसका सारा दायित्व ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन का होगा।संयोजक अभय प्रताप सिंह ने बताया कि ऊर्जा प्रबन्धन द्वारा अव्यवहारिक लक्ष्यों की समीक्षा असमय लगातार की जा रही है जिसमें अभियन्ताओं को डराया व धमकाया जाता है। 20 घण्टे से ज्यादा प्रतिदिन कार्य कर रहे अभियन्ताओं एवं कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बनाये जाने से उनके स्वास्थ्य एवं पारिवारिक जीवन पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस घटना से आहत विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सरकार से ऊर्जा निगम शीर्ष प्रबन्धन पर कठोर कार्यवाही करने की मांग की है और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि भविष्य में ऊर्जा निगमों में शीर्ष प्रबन्धन के स्वेच्छाचारिता, उत्पीड़नात्मक रवैये एवं कार्य के नकारात्मक वातावरण से किसी भी अन्य सदस्य की जान न जाये।ऊर्जा प्रबन्धन के मानसिक उत्पीड़न के कारण मुख्य अभियन्ता, विद्युत वितरण क्षेत्र, के असामयिक निधन पर विद्युत परियोजना कर्मचारियों ने शोक संवेदना व्यक्त की कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आशीष कुमार, प्रशांत यादवस संदीप मद्धेशिया ,धीरज ,दीपू गोपीनाथन ,श्रीकांत गुप्ता ,श्रीजीत ,दीपक कुमार, प्रदीप कनोजिया ,विंध्याचल ,आनंद पटेल शशिकांत पांडे, दिनेश चौरसिया, इत्यादि अन्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी सदस्य उपस्थित रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता शशिकांत श्रीवास्तव एवं संचालन योगेंद्र कुमार जी ने किया।

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