पॉक्सो एक्ट: चार दोषियों को 3-3 वर्ष की कैद

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

– जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी
– अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी
– सात वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ हुए छेड़छाड़ का मामला

सोनभद्र। सात वर्ष पूर्व 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के साथ हुए छेड़छाड़ के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सोनभद्र निहारिका चौहान की अदालत ने बुधवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों प्रदीप कुमार, विक्की कुमार उर्फ विकास, चंदन कुमार तिवारी व अमित सिंह को 3-3 वर्ष की कैद एवं 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी।अभियोजन पक्ष के मुताबिक शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा के पिता ने 20 अक्तूबर 2015 को शक्तिनगर थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि उसकी नाबालिग बेटी कक्षा 10 की छात्रा है। 17 अगस्त 2015 को जब स्कूल से छुट्टी हुई तभी उसकी नाबालिग बेटी को बोलेरो गाड़ी में जबरन बैठाने एवं अपहरण का प्रयास चार लड़कों द्वारा किया गया। तब तक शिक्षक लोग आ गए तो सभी भाग गए। चारो लड़के प्रदीप कुमार पुत्र बबुआ राम, विक्की कुमार उर्फ विकास पुत्र स्वर्गीय नानक प्रसाद भारती, चंदन कुमार तिवारी पुत्र उमाशंकर तिवारी व अमित सिंह पुत्र सुरेंद्र प्रताप सिंह शक्तिनगर थाना क्षेत्र के एनसीएल खड़िया परियोजना कालोनी के रहने वाले हैं। पूरा प्रकरण विद्यालय के रजिस्टर में दर्ज है। जब भी बेटी घर से बाहर निकलती तो चारो लड़के उसके साथ छेड़छाड़ करने लगते थे। बलात्कार करने की भी धमकी भी दी जाती है। जिसकी वजह से बेटी स्कूल जाना बंद कर दिया है। इस तहरीर पर शक्तिनगर पुलिस ने छेड़खानी व पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू कर दिया। विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर चार दोषियों प्रदीप कुमार, विक्की कुमार उर्फ विकास, चंदन कुमार तिवारी व अमित सिंह को 3-3 वर्ष की कैद एवं 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर 3-3 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी। वही अर्थदंड की समूची धनराशि 40 हजार रुपये पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश प्रसाद अग्रहरि,सत्य प्रकाश त्रिपाठी एवं नीरज कुमार सिंह एडवोकेट ने बहस की।

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