सफल समाचार गणेश कुमार
– कोषाध्यक्ष पद पर होगी कांटे की टक्कर
– सर्वाधिक हैं ब्राह्मण वकील मतदाता
– मतदाताओं की चुप्पी से असमंजस बरकरार
– सोनभद्र बार एसोसिएशन वर्ष 2022-23 चुनाव का हाल
सोनभद्र। राबर्ट्सगंज कचहरी परिसर में बुधवार को अध्यक्ष, महामंत्री व कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ वकील मतदाताओं से सम्पर्क कर अपने पक्ष में मतदान करने का आग्रह किया। प्रत्याशियों ने वकीलों के लिए कई वादे करते हुए अपने जीत का दावा किया। जिसकी वजह से वकील मतदाता असमंजस में हैं। सर्वाधिक ब्राह्मण वकील होने के बावजूद मतदाताओं की चुप्पी से असमंजस बरकरार है। जिससे अध्यक्ष व महामंत्री पद पर अप्रत्याशित परिणाम आने के प्रबल आसार हैं। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर सीधा मुकाबला है।बता दें कि अध्यक्ष पद पर कुल 6 प्रत्याशी हैं जिसमें सर्वाधिक 4 प्रत्याशी ब्राह्मण हैं। जिसमें नरेंद्र कुमार पाठक, हेमनाथ द्विवेदी, मनोज कुमार पांडेय व उमेश कुमार मिश्र शामिल हैं। वहीं एक अन्य प्रत्याशी विजय कृष्ण वर्मा व एकमात्र महिला प्रत्याशी पूनम सिंह हैं। जहां नरेंद्र कुमार पाठक व मनोज कुमार पांडेय पूर्व महामंत्री रहे हैं और अपने कार्यकाल की याद दिलाते हुए उससे भी बेहतर कार्य करने का भरोसा जता रहे हैं, वहीं हेमनाथ द्विवेदी पिछली बार हुई हार के लिए सहानुभूति जुटा रहे हैं। उमेश कुमार मिश्र व विजय कृष्ण वर्मा घोषणा पत्र के जरिए वोट मांग रहे हैं। पहली बार अध्यक्ष पद पर महिला प्रत्याशी बनी पूनम सिंह पांच प्रत्याशी भाइयों के बीच में एकलौती बहन होने से अपने पक्ष में वोट मांग रही हैं।महामंत्री पद पर 4 प्रत्याशी हैं। जिसमें राजीव कुमार सिंह गौतम, शारदा प्रसाद मौर्या, अरुण कुमार सिंघल व एकमात्र ब्राह्मण प्रत्याशी आनंद कुमार मिश्र हैं। राजीव कुमार सिंह गौतम जहां अपने स्वच्छ छवि के चलते सभी वर्ग में पकड़ बनाए हैं, वहीं शारदा प्रसाद मौर्या अपनी स्वच्छ छवि के साथ ही पूर्व कोषाध्यक्ष पद पर रहे अपने कार्यकाल से बेहतर कार्य करने का भरोसा दिला रहे हैं। युवा अधिवक्ता अरुण कुमार सिंघल भी स्वच्छ छवि के साथ वोट मांग रहे हैं। वहीं महामंत्री पद के प्रत्याशी आनंद कुमार मिश्र भी अपनी स्वच्छ छवि के साथ ही पिछली बार चुनाव में कम अंतर से हुई हार के लिए सहानुभूति जुटा रहे हैं।इसी प्रकार से कोषाध्यक्ष पद पर सिर्फ दो प्रत्याशी मनोज कुमार मिश्र व भानु प्रताप चौहान के बीच सीधा मुकाबला है। युवा अधिवक्ता मनोज कुमार मिश्र जहां अपनी स्वच्छ छवि के साथ वोट मांग रहे हैं, वहीं भानु प्रताप चौहान भी अपनी स्वच्छ छवि के साथ ही पिछली बार बहुत कम अंतर से हुई हार की सहानुभूति जुटा रहे हैं। अब देखना यह है कि वकील मतदाता किसे चुनते हैं। इसका पता 23 दिसंबर को मतगणना के बाद ही चलेगा। फिलहाल अबकी बार वकील मतदाताओं की चुप्पी से असमंजस बरकरार है। जिससे कयास लगाई जा रही है कि परिणाम अप्रत्याशित आएगा।