ईच्छा शक्ति ऊपर वाले की देन है, पर मुश्किलों का सामना डटकर करना सिखाया है नगर की जनता ने- निशा बबलू सिंह

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार अजीत सिंह

रेणुकुट-रेणुकूट नगर पंचायत जितना बड़ा है यहां की मुश्किलें भी उतनी बड़ी है। हालांकि नगर अध्यक्षा निशा बबलू सिंह के लिए मुश्किलें एक अवसर के रूप में होता है। उनका मानना है कि जितनी मुश्किलों का समाधान वो करती है, उसको पूरा करने की शक्ति ऊपर वाले की देन है। मुश्किलों का सामना डटकर करना ये परिवार व नगरवासियों की देन है। क्योंकि नगर की जनता ही उनका परिवार है और परिवार की मुश्किलों का समाधान करना उनका नैतिक कर्तब्य और जिम्मेदारी बनती है।

ठंड का मौसम अपने चरम पर है। ऐसे में ठंड को देखते हुए।रेणुकूट से खाड़ पाथर तक के एरिया में नगर पंचायत अध्यक्षा निशा बबलू सिंह के द्वारा 12 मुख्य जगहों पर अलाव यानी लकड़ी जलावन का कार्य किया जा रहा है। आगे भी आवश्यकता अनुसार अलाव की और व्यवस्था की जाएगी। स्टेट हाइवे का एक बड़ा हिस्सा रेणुकूट नगर पंचायत क्षेत्र में आता है। यहां से 24सौ घण्टे यातायात शुचारु रूप से चालू रहता है। बाइक से यात्रा करने वाले व्यक्ति को अलाव की ज्यादा आवश्यकता होती है। इसे देखते हुए नगर से गुज़र रहे स्टेट हाईवे पर कई जगह नगर अध्यक्षा निशा बबलू सिंह ने अलाव की व्यवस्था कराई है। जिससे नगर की जनता के साथ-साथ आने-जाने वाले यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान साफ देखी जा सकती है। जनता की माने तो नगर अध्यक्षा बबलू निशा सिंह अपने कार्यकाल में जिस तरह हर कठिनाईयों का हल तुरंत कर देती है उस तरह का काम पूर्वर्ती नगर अध्यक्षों के कार्यकाल में देखने को नहीं मिला।नवम्बर से फरवरी तक का मौसम सर्दियों का रहता है लेकिन दिसम्बर व जनवरी में ठंड अपनी चर्म सीमा पर होती है। इन दिनों में बर्फ ज़माने वाली ठंडी होती है, ऐसे में इस सर्दी के मौसम में जानवरों से पक्षी से लेकर इन्सान तक सभी ठंडी के मौसम से प्रभावित होते है
इसलिए ठंड से बचाने की जिम्मेदारी बनती है।ये तो सभी जानते है ठंडी से बचने के लिए सबसे कारगर उपाय गर्म कपड़े ही होते है। इसलिए सर्दियों में हमेसा पूरे तन ढके हुए गर्म ऊनी कपड़े का उपयोग करना चाहिए,क्योंकि सर्दी का असर कभी भी हो सकता है।इसलिए ज्यादा से ज्यादा कपड़े का उपयोग करना ही ठीक होता है। पर जिन्हें जरूरी काम से बाहर निकलना हो तो उनके लिए ठंड मुसीबत बन जाती है। कुछ देर के बाद गर्म कपड़े भी ठंड होने लगते है। इसलिए अलावा की व्यवस्था जगह-जगह होना बहुत ज़रूरी हो जाता है।

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