सफल समाचार
विश्वजीत राय
कुशीनगर जिले की सबसे पुरानी नगरपालिका पडरौना 72 साल में तीसरी बार आज से सुपर सीट हो गयी। आजादी मिलने के बाद साल 1950 में पडरौना को नगरपालिका का दर्जा मिला था। इससे पहले अंग्रेजी हुकूमत में साल 1924 से लेकर आजादी मिलने के बाद 1949 तक इसे टाउन एरिया का गौरव हासिल था।
गुरुवार को नगरपालिका अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने के बाद तीसरी बार पडरौना नगरपालिका सुपर सीट होने पर आज से प्रशासक की तैनाती हो जाएगी। हालांकि, इस बार त्रिस्तरीय समिति कामकाज देखेगी। यह समिति नीतिगत फैसला लेने की बजाय दैनिक काम ही कर सकेगी।
आरक्षण को लेकर निकाय चुनाव का मामला न्यायालय में है। निर्धारित समयावधि में निकाय चुनाव न होने पर सबसे पुरानी नगरपालिका पडरौना के अध्यक्ष विनय जायसवाल का कार्यकाल गुरुवार को समाप्त हो गया। अध्यक्ष पद का कार्यकाल पूरा होने के बाद पडरौना नगरपालिका सुपर सीट हो गई है। साल 1950 में पडरौना नगरपालिका को दर्जा मिला था। 72 साल में तीसरी बार नगरपालिका पडरौना सुपर सीट हुई है। इससे पहले पहली बार 12 अगस्त 1977 से लेकर 30 नवंबर 1988 तक व दूसरी बार 19 जून 1993 से लेकर 30 नवंबर 1995 तक यह सुपर सीट रही। इस बार गुरुवार यानि 5 जनवरी को अध्यक्ष पद का कार्यकाल खत्म हुआ है। अब यहां प्रशासक की तैनाती होगी। अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद त्रिस्तरीय समिति यहां का कामकाज देखेगी। समिति नीतिगत फैसला
नहीं कर सकेगी, वह केवल दैनिक काम ही करेगी। प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने इसके संबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया है। उन्होंने 12 दिसंबर को प्रशासक व्यवस्था को लेकर जारी आदेश को निरस्त करते हुए नया शासनादेश जारी कर बताया है कि 27 दिसंबर 2022 को जारी हाईकोर्ट के आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा। समिति जिलाधिकारी की देखरेख में बनाई जाएगी। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में डीएम के साथ अधिशासी अधिकारी एवं लेखाधिकारी की देखरेख में त्रिस्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो दैनिक कार्यों की देखरेख करेगी।
आज कुशीनगर पालिका अध्यक्ष का खत्म होगा कार्यकाल :
कुशीनगर नगरपालिका के अध्यक्ष का कार्यकाल शुक्रवार को खत्म हो जाएगा। जबकि, नगर पंचायत रामकोला में 19 जनवरी व खड्डा और सेवरही नपं में चेयरमैन का कार्यकाल आगामी 22 जनवरी को खत्म होगा। हाटा नगरपालिका के अध्यक्ष रहे मोहन वर्मा के विधायक
निर्वाचित होने के बाद से ही यहां प्रशासक के तौर पर एसडीएम व ईओ कार्य देख रहे हैं। इसके अलावा कप्तानगंज में जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद चेयरमैन को पदच्यूत कर दिया गया था। यहां भी ईओ व प्रशासक की तैनाती है। जिले की अन्य छह नवसृजित नगर पंचायतों के अस्तित्व में आने के बाद से ही प्रशासक और ईओ कामकाज देख रहे हैं।
त्रिस्तरीय समिति के संबंध में अभी कोई शासनादेश नहीं मिला है। अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने के बाद कोर्ट द्वारा जो भी आदेश पूर्व में पारित किए गए हैं अथवा शासनादेश आने के बाद जो निर्णय होगा, उसे अमल में लाया जाएगा।
देवीदयाल वर्मा, एडीएम