सफल समाचार
राजेश राय
दो दिवसीय गोरखपुर लिटरेरी फेस्टिवल की शुरुआत लोकतंत्र और साहित्य विषयक उद्घाटन सत्र से हुई। इस सत्र में मुख्य अतिथि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्य वक्ता साहित्यकार और लेखिका मृदुला गर्ग, विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार सिंह मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार व साहित्य अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी ने की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केरल के महामहिम राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हमारे यहां इस संसार की तुलना एक विषवृक्ष से की गई है। इस संसार से विष उत्पन्न होता है लेकिन इसमें दो अमृत से भरे हुए फल लगते हैं जिनमें से पहला है काव्य और दूसरा है सत्पुरुष। काव्य हमें रस देता है और सत्पुरुष हमें मार्गदर्शन देते हैं। जो लोग सार्वजनिक जीवन में होते हैं उनकी व्यस्तता इतनी ज्यादा होती है कि उनको किताबें पढ़ने का समय नहीं मिल पाता है।
उन्होंने कहा कि बुनियादी तौर पर टिप्पणी या आलोचना के बगैर लोकतंत्र चल नहीं सकता लेकिन लोकतंत्र में दुराव की भावना नहीं होनी चाहिए। हमारी बनाई हुई सरकारे हैं और यह अधिकार हमारा है कि आने वाले समय में ऐसी सरकारों को बदल दें जो हमारी भावनाओं पर खरी नहीं उतरती हैं। इससे लोकतंत्र में एक आत्मविश्वास पैदा होता है और स्वयं का सशक्तिकरण होता है।