अल्ट्राटेक कंपनी पर जमीन कब्जा करने का लगाया आरोप संपूर्ण समाधान दिवस पर लगाई गुहार

उत्तर प्रदेश सोनभद्र

सफल समाचार गणेश कुमार

ओबरा सोनभद्र- शनिवार समाधान दिवस पर डाला मलीन बस्ती में बसे लोगों ने जिलाधिकारी सोनभद्र के नाम अलट्राटेक कम्पनी इकाई डाला द्वारा मलीन बस्ती के महिलाओं के निकास एवं बच्चों के खेल के मैदान कि जमिन पर कब्जा करने के नियत से मिट्टी भरवाएं जाने को लेकर ज्ञापन सौंपते हुए लगाईं गुहार।इस दौरान मदन अग्रहरि,लक्ष्मण कुशवाहा, रामचन्द्र यादव जगत यादव रामदयाल गौतम, शंकर भारती रामप्रवेश मेहता नागेन्द्र पासवान अवधेश चौहान समीम खां, लाल जी मिडिया बन्धु को पत्रक देते हुए जानकारी दिया की अल्ट्राटेक कम्पनी इकाई डाला द्वारा मलीन बस्ती के जमीन पर मिट्टी गिर वाया जा रहा है, जो कम्पनी द्वारा जमीन कब्जा करने के नीयत से किया जा रहा है इस सन्दर्भ मे चौकी इंचार्ज व लेखपाल के सामने हुई वार्ता अधिकारीयों के सामने मलीन बस्ती वासीयों द्वारा किये गये मुकदमें का पेपर दिखाया गया पेपर देखने के बाद चौकी इंचार्ज द्वारा कहा गया कि जब तक वाद का निस्तारण नहीं हो जाता तब तक कम्पनी इधर काम नही करेगी। श्रीमान को ज्ञात हो हम सभी बस्ती वासियों का मुकदमा माटा संख्या- 113 एवं गाटा संख्या- 179 के सम्पूर्ण रकबा पर तहसिलदार कोर्ट ओबरा में बाद लम्बीत है, जबकी कम्पनी द्वारा गाटा संख्या-113 के कुछ रकबा पर कन्ट्रक्सन का कार्य किया जा रहा है, जो सर्वथा गलत है, इस अनुचित कार्य पर रोक लगाने कि कृपा किया जाए क्योकि कम्पनी शासन-प्रशासन के सामने हुयी वार्ता को न मानते हुये रात के अंधेरे में मिट्टी भरने का काम कर रही है, जो सरासर गलत एवं अन्यायपूर्ण है। इन सारी उपरोक्त मामलों के सम्बन्ध में पूर्व में जे०पी० एसोसिएट के पदाधिकारीयों एवं मलीन बस्ती वासियों के बीच बैठ कर वार्ता हुआ था, जिसमें शासन-प्रशासन के लोग भी मौजूद थे, उस वार्ता में मौखिक समझौता हुआ था कि प्राथमिक विद्यालय के बगल से जो सड़क गया है सड़क के पूरब दिशा में कम्पनी एवं पश्चिम दिशा में मलीन बस्ती के लोगों का कब्जा रहेगा, समझौते के बाद जे०पी० कम्पनी द्वारा पिलर एवं कटीला तार द्वारा घेरा बन्दी कर लिया गया, और बस्ती के जमीन को उसके हाल पर छोड़ दिया गया, परन्तु इस समझौते को भी अलट्राटेक कम्पनी द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है। कम्पनी द्वारा किये जा रहे मिट्टी भराव के कार्य पर तत्काल रोक लगाया जाना चाहिए।

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