सफल समाचार गणेश कुमार
सोनभद्र। 13 वर्ष पूर्व हुए रामगुलम हत्याकांड के मामले में सोमवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी जियाउल हक को उम्रकैद व 24 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक चोपन थाना क्षेत्र के रणहोर गांव निवासी छोटेलाल पुत्र रामाधानी ने 18 अप्रैल 2010 को चोपन थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि 17 अप्रैल 2010 को दोपहर 12:30 बजे उसकी गाय खेत खलिहान में चली गई। इसी बात को लेकर रणहोर गांव निवासी जियाउल हक व एनुल हक पुत्रगण अलीमुद्दीन ने उसके लड़के अंबिका प्रसाद,चहेरा भाई श्यामनारायण व हरिनारायण, चाची भगवती देवी, चाचा रामगुलाम को गाली देते हुए लाठी डंडे से मारपीट कर चोटें पहुंचाई गई। प्राणघातक चोट लगने की वजह से चाचा रामगुलाम की मौत हो गई। इस तहरीर पर सगे भाइयों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। मामले की विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में सगे भाइयों जियाउल हक व एनुल हक के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी जियाउल हक को उम्रकैद व 24 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जबकि दूसरे अभियुक्त रहे एनुल हक की दौरान विचारण मौत हो गई। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।