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प्रवीण शाही
कुशीनगर के पटहेरवा फाजिलनगर पुलिस चौकी से सौ मीटर की दूरी पर स्थित इलेक्ट्रिक की एक दुकान में शनिवार की देर शाम लगी आग में पूरा सामान जलकर राख हो गया। इस दुकान की ऊपरी मंजिल पर व्यवसायी का परिवार भी रहता है। धुएं के चलते दुकानदार की दो बेटियां और पत्नी का दम घुटने से बेहोश हो गईं। लोगों ने सीढ़ी लगाकर किसी तरह तीनों को बाहर निकाला। उन्हें फाजिलनगर कस्बे के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां हालत चिंताजनक बताते हुए डॉक्टर ने गोरखपुर रेफर कर दिया। करीब एक घंटा बाद अग्निशमन दस्ता पहुंचा और आग बुझाई गई।
काजीपुर गांव के निवासी रमेश गुप्ता की फाजिलनगर पुलिस चौकी से कुछ दूरी पर इलेक्ट्रिक की दुकान है। दुकान उनके निजी मकान में है। ऊपरी मंजिल पर रमेश गुप्ता सपरिवार रहते हैं। शनिवार का दिन होने के चलते दुकानें बंद थीं। शाम को करीब सात बजे अचानक निचली मंजिल से धुआं निकलने लगा। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। यह देख मौके पर भीड़ जुट गई। लोगों ने आग पर पानी फेकने का प्रयास किया, लेकिन आग पूरे दुकान को अपनी चपेट में ले ली।
जब लोगों को पता चला कि रमेश गुप्ता का परिवार ऊपर ही घिरा है और धुएं से पूरा मकान भरा है तो सीढ़ी लगाकर दोनों लड़कियों और उनकी पत्नी को बाहर निकाला गया। इधर, एक घंटा बाद अग्निशमन दस्ता मौके पर पहुंचा। तब तक सब कुछ जल चुका था। आग की विकरालता के चलते हाइवे की सर्विस सड़क पर आवागमन बंद रहा, जबकि फायर सर्विस के दूसरे मेन सड़क पर आने के चलते एक मेन सड़क घंटे भर फायर सर्विस के पाइप जाने के चलते बंद रहा।
अनुराधा (35), आस्था (7) व आरोही (5) को फाजिलनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत चिंताजनक बताकर डॉक्टर ने गोरखपुर रेफर कर दिया। फाजिलनगर पुलिस चौकी के प्रभारी राकेश कुमार यादव का कहना है कि धुआं लगने से मां और बेटियां बेहोश हुई थीं। उनकी हालत ठीक है। तीनों का इलाज चल रहा है।