शेर मोहम्मद
देवरिया। मेडिकल कॉलेज में मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन चार दिन से ठप हो गया है। टेंडर न होने के कारण दवा और चश्मा खत्म होने से यह दिक्कत आई है। इससे पहले मरीजों से बाहर से दवा व चश्मा मंगाकर ऑपरेशन किया जा रहा था, लेकिन इसकी शिकायत होने पर अब ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। इससे मरीजों को निराश लौटना पड़ रहा है। उधर जल्द टेंडर कराकर दवा, चश्मा उपलब्ध कराने की बात कही जा रही है। मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए मरीजों को परेशानी हो रही है। इसके लिए राष्ट्रीय अंधता निवारण कार्यक्रम के तहत मेडिकल कॉलेज में मुफ्त ऑपरेशन होता है। नेत्र रोगियों का परीक्षण कर मोतियाबिंद के मरीज चिह्नित किए जाते हैं। इसके बाद ऑपरेशन कर उनके आंखों की रोशनी लौटाने का कार्य डॉक्टर करते हैं। पर सुविधाओं के अभाव से मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में लेंस न होने के कारण करीब 22 दिन तक ऑपरेशन ठप था। लेंस आने पर 17 मई को ऑपरेशन शुरू हुआ। इसके बाद ऑपरेशन से पहले आई ड्राॅप, ब्लेड, काला चश्मा तीमारदारों को बाहर से खरीदना पड़ रहा था है। जिस पर करीब आठ सौ रुपये हर मरीज को देने पड़ रहे थे, जबकि यह निशुल्क दिया जाना है। गर्मी के कारण इन दिनों करीब चार ऑपरेशन ही हर रोज हो रहे थे। इसी बीच किसी ने इसकी शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर कर दी। इसकी जानकारी होने के बाद शुक्रवार से डॉक्टरों ने ऑपरेशन बंद कर दिया। अब मरीजों को ऑपरेशन के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।—————
इन दवाओं की होती है जरूरत
मोतियाबिंद के आपरेशन पहले व बाद में आंख में ड्राॅप डाले जाते हैं। इसमें टीआरपी ड्राॅप, एंटीबायोटिक ड्राॅप, सूजन, लाली कम करने का ड्राॅप के अलावा एसआइसीएस ब्लेड की जरूरत होती है। यह सब समाप्त हो गया है।
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मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के लिए रिश्तेदार को लेकर अस्पताल पहुंचा। तो कहा गया कि अभी दवा व अन्य सामान न होने से आपरेशन बंद हो गया है। अब सामान आने पर बाद में होगा। आपरेशन न होने से उनको परेशानी हो रही है।
प्रवीण मिश्र, मझगावा
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गांव के चाचा को कम दिखाई दे रहा था। मेेडिकल कॉलेज में जांच के बाद डॉक्टर ने मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए कहा। बुधवार को आया तो कुछ दिन बाद ऑपरेशन करने को कहा गया। जबकि एक सप्ताह पहले दवा व चश्मा बाहर से लाने पर हो जाता था।
लव कुमार, गुद्दीजोर
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– दवा और चश्मा के लिए टेंडर निकाला गया है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद सामग्री उपलब्ध हो जाएगी। इससे करीब पंद्रह दिन पहले भी टेंडर निकाला गया था, लेकिन कोई शामिल नहीं हुआ। इस बार जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। उम्मीद है कि दस दिन के अंदर सामान मेडिकल कॉलेज को मिल जाएगा।
डॉ. राजेश झा, सीएमओ