निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली की अपील पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ कर रही है। यह प्रकरण वर्ष 2005-06 के बीच का है।

उत्तर प्रदेश प्रयागराज

सफल समाचार 
आकाश राय 

नोएडा के चर्चित निठारी कांड में निचली अदालत से फांसी की सजा सुनाए जाने के खिलाफ सुरेंद्र कोली की अपील पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को फिर सुनवाई शुरू हो गई है। कोली को एक दर्जन से अधिक मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। मुंबई से आए कोली के वकील ने अभियोजन की कहानी पर तमाम सवाल उठाए। हाईकोर्ट में अब यह सुनवाई मामले के निस्तारित होने तक हर रोज चलेगी।

निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली की अपील पर हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ कर रही है। यह प्रकरण वर्ष 2005-06 के बीच का है। मामले का पर्दाफाश तब शुरू हुआ, जब नौकरी की तलाश में घर से निकली एक युवती के पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट नोएडा के सेक्टर-20 थाने में दर्ज कराई। पुलिस की जांच में दिल दहला देने वाला मामला प्रकाश में आया था।

पुलिस ने निठारी में रहने वाले मोनिंदर सिंह पंधेर की कोठी के पीछे नाले से बच्चों और महिलाओं के दर्जनों कंकाल बरामद किए गए थे। पुलिस ने मोनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आरोपी बनाया था। पुलिस की विवेचना के बीच ही मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया। सीबीआई ने दोनों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के कुल 16 मामले दर्ज किए थे।

गाजियाबाद स्थित सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को एक दर्जन से अधिक मामले में फांसी की सजा सुनाई है। हालांकि, फांसी की सजा के क्रियान्वयन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। फांसी की सजा के सभी आदेशों को कोली ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है। लंबित अपील पर कई बार बहस भी हो चुकी है, लेकिन विभिन्न कारणों से सुनवाई पूरी नहीं हो पाई।

ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद हाईकोर्ट खुलते ही कोली की अपील पर नियमित सुनवाई शुरू हो गई है। मुंबई से आए कोली के वकील ने सुनवाई के पहले ही दिन अभियोजन की कहानी को सच्चाई से परे करार दिया।

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