सफल समाचार
सुनीता राय
केंद्र सरकार के फैसले पर व्यापारियों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से सूचना साझा करने की अनुमति देना गलत है। इससे व्यापारी और उद्यमी भयभीत हो गए हैं। उनका कहना है कि पहले अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
व्यापारियों ने गोलघर में मंगलवार को बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार को हर वर्ष लगातार जीएसटी में ऐतिहासिक वृद्धि मिल रही है। सरकार पांच करोड़ रुपये तक के टर्नओवर पर ऑनलाइन बिलिंग कर चुकी है। जल्दी ही 1.5 करोड़ रुपये वार्षिक टर्नओवर पर ऑनलाइन बिलिंग करने की तैयारी कर रही है। जब ऑनलाइन बिलिंग हो जाएगी, तो टैक्स चोरी खुद रुक जाएगी।
उधर, गोरखपुर उद्योग व्यापार एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष नितिन कुमार जायसवाल ने कहा कि ऑनलाइन टर्नओवर होने के बाद कर चोरी रुक जाएगी। ऐसे में ईडी को व्यापारियों के ऊपर कार्रवाई करने का अधिकार गलत है। व्यापारी, फर्जी फर्मों पर काम करने वाले अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का पूरी समर्थन करते हैं, लेकिन सभी जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारियों को ईडी के रडार पर लाना और उनको व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार देना गलत है।
इस दौरान विवेक अग्रवाल, रमेश चंद गुप्ता, मणि नाथ गुप्ता, गोपाल जायसवाल, राजीव शुक्ला, अश्मित श्रीवास्तव, महावीर गुप्ता, विनय सिंह, विनय मिश्रा, अमित सिंह पटेल समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
वहीं चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध जताया। उनका कहना है कि सरकार को पहले भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इनकी वजह से ही व्यापारी कर चोरी कर पाते हैं। इनपर कार्रवाई करने की जगह व्यापारियों पर अलग-अलग तरीके से दबाव बनाना गलत है।