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मनमोहन राय
यूपी में कृषि अपशिष्ट पदार्थों का 50 हजार करोड़ रुपये का बाजार तैयार किया जाएगा। कंपनियों के लिए कुल कोयला खरीद का पांच प्रतिशत पराली आधारित सामग्री खरीदने की अनिवार्यता तय की जाएगी।
पराली से बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को देखते हुए अब इसे बिजली उत्पादन इकाइयों में प्रयोग किया जाएगा। यह कोयले का विकल्प बनेगी। इससे प्रदेश में करीब 50 हजार करोड़ का नया बाजार तैयार होगा। यह जानकारी ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शनिवार को दी। ऊर्जा मंत्री लखनऊ में ऊर्जा के वैकल्पिक साधनों पर आधारित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता है। इसी तरह से कृषि आधारित अन्य अपशिष्ठ भी प्रदूषण का कारण बने हुए हैं। इस समस्या से निपटने की नई रणनीति तैयार की गई है। इसके तहत पराली को कोयले के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जाएगा।
किसानों से दो रुपये किलो पराली खरीद कर कंपनियां रोलर तैयार करेंगी। इस रोलर को कोयले के विकल्प के रूप में बिजली कंपनियां खरीदेंगी। हर कंपनी को कुल कोयला खरीद का पांच प्रतिशत पराली आधारित सामग्री खरीदने की अनिवार्यता तय की जाएगी।
इस दौरान राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर, पावर कारपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज, प्रबंध निदेशक पंकज कुमार और विद्युत उत्पादन निगम के चेयरमैन गुरु प्रसाद सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।