पांच महीने पहले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जनपद के अंदर उद्योग लगाने के लिए तीन हजार करोड़ से अधिक का एमओयू हुआ

उत्तर प्रदेश कुशीनगर

सफल समाचार 
विश्वजीत राय 

ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के तहत 216 उद्योगपतियों ने जताई थी 3,543 करोड़ रुपये निवेश की सहमति

पडरौना। करीब पांच महीने पहले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में जनपद के अंदर उद्योग लगाने के लिए तीन हजार करोड़ से अधिक का एमओयू हुआ था। लगभग 210 उद्यमियों ने अपना प्रस्ताव दिया था, लेकिन अभी कुछ उद्यमी ही अपना उद्योग लगाने के लिए काम शुरू करा पाए हैं, शेष अभी तक कोई सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। बताया जा रहा है कि उद्योग लगाने के लिए जमीन, बिजली और बैंक से ऋण मिलने में समस्या आ रही है।

कुशीनगर में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिति के तहत जिला उद्योग के अलावा कृषि, पशुपालन, शिक्षा, डेयरी, वन विभाग, हैंडलूम, स्वास्थ्य, ऊर्जा समेत कुल 25 क्षेत्रों से जुड़े 216 उद्योगपतियों ने 3543 करोड़ रुपये निवेश की सहमति जताई थी। इन उद्योग के लगने से जिले के 20 हजार से अधिक बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा। लेकिन करीब पांच माह बाद भी जिले में अभी तक एक भी उद्योग धरातल पर उतर नहीं सकी है। इसके पीछे उद्योग लगाने के लिए जमीन, बिजली और बैंक से ऋण मिलने में समस्या आ रही है।

हालांकि, सरकार की तरफ से उद्योग लगाने में आने वाली समस्याओं का निस्तारण कर उद्योगपतियों का सहयोग करने लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद भी अधिकारी लापरवाही बने हुए हैं।

केस-एक
फाजिलनगर के बैरिस्टर जायसवाल ने आटा मिल की स्थापना के लिए दस करोड़ रुपये निवेश करने की सहमति ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अपनी सहमति दी थी। उनकी मिल का निर्माण कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है, लेकिन बिजली आपूर्ति की व्यवस्था नहीं होने से उनकी मिल चालू नहीं हो सकी है।

केस-दो
पडरौना के अमित अग्रवाल जिला उद्योग परिसर में 15 करोड़ रुपये की लागत से ग्लास फैक्ट्री लगाए हैं। यहां ग्लास से जुड़े कार्य होंगे। उनका मिल तैयार हो चुका है। लेकिन मिल के मैप का नक्शा पास नहीं होने से विदेश से मशीन नहीं आ पा रही है। इससे उनका मिल चालू नहीं हो पा रहा है।

केस-तीन
शिवम सिंह दस करोड़ रुपये निवेश कर उद्योग लगाए हैं। उन्हें जो बिजली आपूर्ति मिल रही है, वह देहात की है। ग्रामीण क्षेत्र की बिजली आपूर्ति होने से उनके मिल को पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। इससे उनका कच्चा माल खराब होने लगा था। उन्होंने व्यावसायिक बिजली आपूर्ति की मांग की, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे उनके फैक्ट्री में कार्य अधर में है।

केस-चार
मनभावती देवी ने करीब दो करोड़ की लागत से प्लाईवुड की फैक्ट्री लगाई है। उनकी फैक्ट्री तक जाने के लिए बेहतर सड़क नहीं है। इससे उनकी फैक्ट्री से तैयार माल बाजार तक पहुंचाने में परेशानी हो रही है। उन्होंने पडरौना से जंगल चौरिया स्थित फैक्ट्री तक सड़क निर्माण की मांग है, लेकिन अभी तक उन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है।

सितंबर में होने वाली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में जाएंगे जिले के उद्योगपति
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत निवेश करने वाले करीब 25 उद्योगपतियों की फैक्ट्रियां करीब-करीब तैयार हैं। इसमें बिजली, सड़क, बैंक ऋण समेत अन्य छोटी-छोटी दिक्कतें हैं। इसके समाधान के लिए विभागवार नोडल अधिकारी नामित कर दिए गए हैं, जो संबंधित उद्योगपतियों की समस्याओं का शीघ्रता से निस्तारण करेंगे। सितंबर में लखनऊ में ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी होनी है। इसके पहले इन सभी उद्योगों को शुरू कराकर उन्हें ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी में शामिल कराया जाएगा।
– अभय कुमार सुमन, उपायुक्त उद्योग, जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र कुशीनगर

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