ट्रेनों में पकड़े गए तस्करों से ही पुलिस को पता चला है कि भीड़ का फायदा उठाकर वे आसानी से असलहा पहुंचा देते हैं

उत्तर प्रदेश गोरखपुर

सफल समाचार 
सुनीता राय 

ट्रेनों में पकड़े गए तस्करों से ही पुलिस को पता चला है कि भीड़ का फायदा उठाकर वे आसानी से असलहा पहुंचा देते हैं। वाराणसी में पकड़े गए तस्करों ने पुलिस को बताया था कि ट्रेन में वे ज्यादा असलहा एक साथ नहीं ले जाते। दो से तीन की संख्या में वे होते हैं। कम उम्र के युवाओं को ही इस काम के लिए लगाया जाता है।

असलहों की तस्करी के लिए अब तस्करों ने ट्रेन को नया ठिकाना बनाया है। पुलिस की सख्ती के बाद सड़क के रास्ते असलहों की तस्करी में अब खतरे ज्यादा हैं, जबकि ट्रेन में भीड़ होने से कोई शक नहीं कर पाता। यही नहीं, पुलिस को सुराग मिले हैं कि छात्रों के भेष में बदमाश असलहों की तस्करी कर रहे हैं। उनकी पीठ पर पिट्ठू बैग होता है, जिससे यात्री उन्हें छात्र ही मानते हैं और पुलिस भी शक नहीं करती।

इससे उनके पकड़े जाने का डर भी कम रहता है। तस्कर, भीड़ के बीच बड़ी आसानी से बैग लेकर बैठ जाते हैं। ऐसे कई मामले पकड़ में आ चुके हैं। गोरखनाथ मंदिर गेट पर जांच के दौरान बैग से जो तमंचा मिला था, वह भी ट्रेन के जरिए ही आया। यह अलग बात है कि तस्करों के बैग को व्यापारी के बेटे ने उठा लिया। पुलिस ने अब जीआरपी व आरपीएफ को पत्र भेजा कर सतर्क किया है।

ट्रेनों में पकड़े गए तस्करों से ही पुलिस को पता चला है कि भीड़ का फायदा उठाकर वे आसानी से असलहा पहुंचा देते हैं। वाराणसी में पकड़े गए तस्करों ने पुलिस को बताया था कि ट्रेन में वे ज्यादा असलहा एक साथ नहीं ले जाते। दो से तीन की संख्या में वे होते हैं। कम उम्र के युवाओं को ही इस काम के लिए लगाया जाता है। बैग में एक या दो की संख्या में तमंचे ही रखते हैं। ताकि, पिट्ठू बैग में आसानी से रखकर चले जाएं। तस्कर टिकट लेकर ही यात्रा करते हैं, ताकि किसी को शक न होने पाए। यही नहीं, वे स्टेशन में प्रवेश करते ही प्लेटफॉर्म टिकट जरूर लेते हैं।

शुक्रवार को गोरखनाथ गेट पर जांच के दौरान बिहार के पश्चिम चंपारण के सुबोध मिश्रा के बैग से तमंचा मिला। सीएम के दौरे से एक दिन पहले बैग से तमंचा मिलने के बाद पुलिस ने गहराई से जांच की तो पता चला कि उसे ट्रेन में एक बैग मिल गया था। लालच में उसने बैग को उठाया और ऊपर के चेन को खोलकर देखा तो वह खाली था। इसके बाद ले लिया और जांच में अंदर के चेन में तमंचा मिल गया। इस घटना से पहले भी ट्रेन से असलहा पकड़ा जा चुका है। इससे साफ हो गया है कि ट्रेन में भीड़ का फायदा तस्कर उठा रहे हैं।

केस दो
बिहार के हाजीपुर जंक्शन पर मुजफ्फरपुर रेल पुलिस ने मुंगेर निवासी हथियार तस्कर सोनू अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। उसके बैग से 21 अर्धनिर्मित पिस्टल बरामद हुई थी। पकड़े गए तस्कर सोनू ने बताया कि गोरखपुर से वह ट्रेन से मुंगेर जा रहा था। सोनू की निशानदेही पर ही उसके दूसरे साथी गोरखनाथ के हुसैनाबाद निवासी मोहम्मद आरिफ उर्फ गोलू को गोरखपुर से गिरफ्तार किया था।

केस तीन
30 जून को एसटीएफ वाराणसी इकाई ने सारनाथ रेलवे स्टेशन पर गोरखपुर से ट्रेन से आ रहे तस्कर को अवैध असलहे के साथ पकड़ा था। तस्कर की पहचान देवरिया के बरहज थाना लक्ष्मीपुर निवासी संग्राम सिंह के रूप में हुई थी। पूछताछ में सामने आया था कि गोरखपुर से ट्रेन में सवार हुआ था। मुखबिर से सूचना के आधार पर वाराणसी में टीम ने आरोपी को दबोचा था।

एसपी जीआरपी डॉ. अवधेश सिंह ने कहा कि ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वालों की पुलिस नजर रखती है। संदिग्ध लगने पर तलाशी भी की जाती है। अब ट्रेनों में सतर्कता बढ़ाई जाएगी

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