सोमवार को जब हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई तो घाट पर हर हर महादेव और बोल बम का जयकारा गूंजने लगा। संगम तट पर तीन बाहर राउंड लगाकर हेलीकॉप्टर से फूल की पंखुड़ियां बरसाईं गईं

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
आकाश राय 

श्रावण मास के चौथे सोमवार को शिवभक्त कांवड़ियों पर पुष्पवर्षा की गई। पुष्पवर्षा हेलीकॉप्टर से की गई। एक दिन पहले ही जिला प्रशासन की ओर से इसकी तैयारी पूरी कर ली गई थी। सुबह करीब दस बजे दशाश्वमेध गंगा घाट और संगम नोज सहित मनकामेश्वर मंदिर और शास्त्री सेतु पर कांवड़ लेकर जा रहे शिवभक्तों पर फूल बरसाए गए। हर हर महादेव और बोल बम के जयकारे से पूरा वातावरण शिवमय हो गया।

घाटों पर पुष्पवर्षा होने से कांवड़िए और स्नानार्थी काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि प्रशासन के द्वारा शिवभक्तों को दिया गया यह सम्मान काफी सराहनीय है। दशाश्वमेध गंगा घाट पर कांवड़ियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। सावन के पहले दिन से ही यहां पर मेला लगा हुआ है। रोजाना 10 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां से गंगा जल भरकर बाबा वैद्यनाथ धाम के लिए वाहनों से रवाना हो रहे हैं। इसके साथ ही कांवड़िये भी जल भरकर बाबा विश्वनाथ, मनकामेश्वर मंदिर सहित अपने इलाकों में स्थित शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए रवाना हो रहे हैं।

सोमवार को जब हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा हुई तो घाट पर हर हर महादेव और बोल बम का जयकारा गूंजने लगा। संगम तट पर तीन बाहर राउंड लगाकर हेलीकॉप्टर से फूल की पंखुड़ियां बरसाईं गईं। इसी तरह दशाश्वमेघ गंगा घाट, शास्त्री पुल और मनकामेश्वर मंदिर पर मौजूद कांवड़ियों और शिवभक्तों पर फूल बरसाए गए। मनकामेश्वर मंदिर पर सोमवार को सुबह से ही शिवभक्तों की लंबी कतार लगी रही। दर्शन पूजन का सिलसिला पूरे दिन चलता रहा। यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स और महिला सिपाहियों की तैनाती की गई है।

अधिकारियों ने बरसाए फूल
हेलीकॉप्टर में सवार कमिश्नर विजय विश्वास पंत, डीएम संजय खत्री, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने शिवभक्तों पर फूल बरसाए। कई राउंड लगाकर शिवभक्तों और कांवड़ियों पर फूल बरसाए। फूल बरसाए जाने पर मनकामेश्वर मंदिर पर दर्शन के लिए जुटे महिला और पुरुष शिवभक्त काफी गदगद दिखे। कहा कि इस कार्य की जितनी भी सराहना की जाए वह कम है।

 

चौथे सोमवार पर जयकारे से गूंजे शिवालय
सावन के चौथे सोमवार पर शिवमंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। शिवभक्तों ने मंदिरों में दर्शन के साथ ही रुद्राभिषेक और जलाभिषेक किया। तमाम भक्तों ने गंगा घाटों, संगम और अपने घरों में पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक किया। मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही। गंगा जल, दूध, मिष्ठान्न, पंचगव्य, नैवेद्य, बेलपत्र, पुष्प, धूप, भांग, धतूर का अर्पण कर पूजन किया गया। कर्पूर से आरती उतारी गई। मंदिरों पर रामायण, सुंदरकांड, रुद्राष्टकम्, महामृत्युंजय मंत्र का पाठ होता रहा। मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त था। 

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