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शेर मोहम्मद
देवरिया। आई फ्लू के संक्रमण के कारण जिले में करीब डेढ़ सौ लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन रोक दिए गए हैं। डॉक्टरों का मानना है कि जो मरीज ऑपरेशन के बाद एहतियात नहीं बरत पाएंगे उनकी सर्जरी नहीं की जा रही है। मेडिकल कॉलेज में जितने आई सर्जन हैं सभी ने करीब माेतियाबिंद के लिए मरीजों को पंद्रह से एक माह बाद का प्रस्तावित तारीख दी है। संक्रमण कम होने के बाद ऑपरेशन किए जाएंगे। वहीं कुछ निजी डॉक्टर भी यही तरीका अपना रहे हैं।
मोतियाबिंद के जिन मरीजों के परिवार में कोई आई फ्लू से संक्रमित हैं उनकी सर्जरी नहीं की जा रही है। डॉक्टरों का मानना है कि जरा सी लापरवाही से मरीज के आंखों की रोशनी खतरे में पड़ सकती है। शुक्रवार को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में करीब 350 मरीज आई फ्लू के आए। इसमें बुजुर्ग, बच्चे सभी उम्र के लोग शामिल रहे।
स्कूलों में कम हुई हाजिरी
देवरिया। इन दिनों आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। इसमें बच्चे भी काफी संख्या में प्रभावित हुए हैं। मेडिकल कॉलेज में आई फ्लू से पीड़ित करीब 75 बच्चे इलाज के लिए आए। शिक्षकों ने संक्रमित बच्चों को स्कूल न आने की सलाह दी है।
कई ऐसे प्राथमिक विद्यालय हैं, जिसमें तीस से पैंतीस प्रतिशत बच्चे आई फ्लू से प्रभावित हैं। इसके चलते स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बीस से तीस प्रतिशत कम हो गई है। स्कूल के अध्यापक भी छात्रों को सचेत कर रहे है कि अगर आई फ्लू की शिकायत हो तो वह विद्यालय न आएं। जबकि दूसरी तरफ काले चश्मे की बिक्री बढ़ गई है। दुकानदार भी छोटे बच्चों के लिए चश्मा मंगाए हैं। वहीं आई ड्राप की बिक्री बढ़ गई है।
मौसम बदलने से वायरस व बैक्टीरिया का ग्रोथ होता है। इसके कारण संक्रमण फैलता है। इन दिनों आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इससे बचाव के लिए सावधानी बरतनी जरूरी है। दिक्कत होने पर डॉक्टर को दिखाकर उनकी सलाह पर दवा लें।