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शेर मोहम्मद
देवरिया। भागलपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय अंडिला के प्रधानाध्यापक जयप्रकाश तिवारी को जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय ने बर्खास्त कर दिया है। उन पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल करने के आरोप की बीते डेढ़ साल से जांच चल रही थी। सत्यापन प्रक्रिया में उनका बीएड का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है। बीते पांच वर्ष के अंदर जनपद के वह 70 वें ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें फर्जीवाड़े में सेवा से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।
बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने शुक्रवार को बताया कि भागलपुर विकास खंड के नरसिंह डाड़ निवासी एक व्यक्ति ने संबंधित शिक्षक के संबंध में जिलाधिकारी को शपथ पत्र देकर पांच जनवरी वर्ष 2022 में शिकायत की थी। उनका आरोप था कि उक्त शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक पद पर तैनाती पाए हैं।
इसके बाद भागलपुर के अंडिला प्राथमिक विद्यालय के वर्तमान में प्रधानाध्यापक पद पर तैनात रहे जयप्रकाश तिवारी के प्रमाण पत्रों का क्रमवार सत्यापन का कार्य बीईओ के जरिए उनके समस्त शैक्षिक अभिलेख के अंकपत्र व प्रमाण पत्र, निवास, आधार कार्ड, पैन कार्ड की मूल प्रति एवं सेवा पुस्तिका की प्रमाणित छायाप्रति मंगाने के बाद शुरू हुआ। इस क्रम में पता चला कि आरोपी शिक्षक के स्नातक अनुक्रमांक 166496 वर्ष 1985 एवं बीएड अनुक्रमांक 6388 वर्ष 1990 के संबंध में संबंधित संस्था दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने अवगत कराया है कि विश्वविद्यालय अभिलेखों के अनुसार यह अनुक्रमांक बीए एवं बीएड कक्षा के लिए किसी छात्र या छात्रा को आवंटित नहीं किए गए हैं।
ऐसे में प्रथम दृष्टया यह सिद्ध हो गया कि संबंधित ने फर्जी एवं कूटरचित स्नातक व बीएड का अंकपत्र व प्रमाण पत्र के आधार पर षडयंत्र कर नौकरी हासिल करने में कामयाबी पाई है। सात जनवरी वर्ष 2023 को इस आधार पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया और स्पष्टीकरण जारी किया गया। प्रकरण की जांच के लिए बीईओ भलुअनी सूरज कुमार को नियुक्त किया गया। बीईओ ने उक्त शिक्षक को आरोप पत्र भी उपलब्ध करा दिया। इस पर आरोपी शिक्षक ने पुन: सत्यापन कराने की मांग की। दोबारा हुए सत्यापन में भी उनके प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं। शिक्षक को अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त समय दिया गया हालांकि आरोपों के संबंध में वह कार्यालय को साक्ष्यमय स्पष्टीकरण नहीं उपलब्ध करा सके।
बीएसए ने बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय से मिले आख्या के आधार पर एवं फर्जीवाड़े की पूर्णतया पुष्टि होने के बाद एवं विभागीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद प्रधानाध्यापक जयप्रकाश तिवारी को प्रथम नियुक्ति तिथि से ही सेवा से बर्खास्त किया जाता है। साथ ही खंड शिक्षाधिकारी भागलपुर को उनके खिलाफ केस दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है।