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मनमोहन राय
एटीएस की गिरफ्त में आया मुरादाबाद निवासी व संदिग्ध आतंकी अहमद रजा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनीट्रैप में फंसकर आतंकी संगठनों के संपर्क में आया था। शुक्रवार को उसे एनआईए/एटीएस कोर्ट के विशेष न्यायाधीश दिनेश कुमार मिश्रा की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे 14 दिन की कस्टडी रिमांड पर एटीएस को सौंपने का आदेश दिया।
सोशल मीडिया के जरिये अहमद रजा का संपर्क खुद को मुंबई निवासी बताने वाली अमीना बेगम से हुआ। दोनों में करीबियां बढ़ीं। इसके बाद अमीना ने उसे पाकिस्तानी हैंडलर एहसान गाजी का पाकिस्तान का मोबाइल नंबर दिया। गाजी ने उसे पाकिस्तान में ट्रेनिंग दिलाने और बद्री कमांडो बनाने में मदद करने का आश्वासन दिया था।
हिजबुल मुजाहिदीन के संदिग्ध आतंकी अहमद रजा से पूछताछ में सामने आया है कि वह दो वर्ष में दो बार कश्मीर जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले चुका है। पिछले दो रमजान के दौरान कश्मीर में था। वह सोशल मीडिया पर जिहादी सोच वाले युवाओं को तलाशता था। इसके लिए फेसबुक पेज पर सालार केएचआर, मुसाफिर हूं टूटा हुआ, मुसाफिर-मुसाफिर आदि पेज बनाए थे। उसने व्हाट्सएप पर खादिम हुसैन रिजवी की पाकिस्तानी पार्टी तहरीक ए लब्बैक की तर्ज पर लब्बैक आर्मी नाम से ग्रुप बनाया था। पूछताछ में उसने बताया कि उसके पास एक पिस्टल भी है, जिसे मुरादाबाद में छिपाकर रखा है। एटीएस रिमांड के दौरान उससे पिस्टल बरामद कराने मुरादाबाद ले जाएगी। इसके अलावा उसे सहारनपुर और जम्मू-कश्मीर भी ले जाकर छापे मारने की तैयारी में है।