कोरोना काल में जिला जेल से पेरोल पर छोड़े गए 43 कैदी लापता हैं। ये कैदी पुलिस को खोजे नहीं मिल रहे हैं। इतना ही नहीं, जेल प्रशासन ने इनकी गिरफ्तारी के लिए कई पत्र लिखे।

उत्तर प्रदेश लखनऊ

सफल समाचार 
मनमोहन राय 

कोरोना काल में जिला जेल से पेरोल पर छोड़े गए 43 कैदी लापता हैं। ये कैदी पुलिस को खोजे नहीं मिल रहे हैं। इतना ही नहीं, जेल प्रशासन ने इनकी गिरफ्तारी के लिए कई पत्र लिखे। इसके बावजूद डेढ़ साल से लापता कैदियों को अभी तक पुलिस नहीं पकड़ पाई है। जेल प्रशासन ने एक बार फिर से लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए कवायद शुरू की है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने पुलिस कमिश्नर को कैदियों की तलाश के लिए पत्र लिखा है।

कोरोना संकट में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को जेलों में बंद सात साल तक की सजा वाले सजायाफ्ता कैदियों को पेरोल पर छोड़ने के निर्देश दिए थे। लिहाजा शासन में गठित हाई पावर कमेटी की संस्तुति पर 20 मई 2021 को राजधानी की जिला जेल में बंद 122 कैदियों को 90 दिन की पेरोल पर छोड़ा था। हालांकि कोरोना के बढ़ते ग्राफ के चलते कैदियों की पेरोल अवधि बढ़ाई गई।

शासन ने आदेश जारी कर 20 जुलाई 2021 तक सभी को जेल में वापस दाखिल होने के निर्देश दिए। पेरोल की अवधि पूरी होने पर सिर्फ 79 कैदी ही लौटकर आए। जबकि डेढ़ साल बाद भी 43 कैदी लापता हैं।

जेल प्रशासन की रिपोर्ट पर लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए शासन से पुलिस को कई बार निर्देश दिए, पर मामला सिफर है। जिला जेल लखनऊ के जेलर राजेंद्र सिंह ने बताया कि लापता कैदियों की गिरफ्तारी के लिए शासन के साथ ही संबंधित जिले के पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा जा रहा है। जेलर के मुताबिक, हर दो माह पर पत्र भेजा जाता है।

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